दुबई: तालिबान ने अफगानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान रोक दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को यह जानकारी दी। अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही केवल दो ऐसे देश हैं, जहां पोलियो पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सितंबर में टीकाकरण अभियान शुरू होने से ठीक पहले इसे रोकने की खबर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को दी गई है और इसके पीछे किसी कारण भी उल्लेख नहीं किया गया है।
अफगानिस्तान में पोलियो के कितने केस?
तालिबान सरकार की तरफ से इस बारे में तत्काल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उन्हें घर-घर जाकर टीकाकरण करने के बजाय मस्जिदों जैसे स्थानों पर टीकाकरण करने की चर्चाओं की जानकारी मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष अफगानिस्तान में पोलियो के 18 मामलों की पुष्टि की है। पोलियो उन्मूलन अभियान में कोविड-19 महामारी की दस्तक के बाद कई तरह की समस्याएं देखने को मिली हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जता चुका है।
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इस बीच यहां यह भी बता दं कि, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दुनिया में ऐसे दो देश हैं जहां पोलियो के केस अब भी मौजूद हैं। नाइजीरिया को साल 2020 में पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है। अफगानिस्तान मे पोलियो टीम और उन्हें सुरक्षा देने वाली टीमों पर लगातार हमले भी होते रहे हैं। इसके पीछे अफवाहों का बड़ा हाथ है। बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने से दूर रखने के लिए पोलियो उन्मूलन अभियान को पश्चिमी जगत की साजिश बताया जाता है। भ्रांति फैलाई जाती हैं कि इससे बच्चे नपुंसक हो जाएंगे या उनके शरीर में विकार आ जाएंगे। (एपी)
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