बीजिंग: यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने बुधवार को कहा कि वह रूस के साथ जंग समाप्त करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ इस सप्ताह की बातचीत में ‘साझा आधार’ तलाश रहे हैं। कुलेबा ने दक्षिणी चीन के प्रमुख वाणिज्यिक एवं विनिर्माण केंद्र ग्वांगझोउ में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोपीय देश के विदेश मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है। यूक्रेन और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
'चीन की भूमिका अहम'
कुलेबा ने शुरुआती टिप्पणी की, ‘‘मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि यूक्रेन में शांति चीन के सामरिक हित में है और शांति के लिए वैश्विक ताकत के रूप में चीन की भूमिका अहम है।’’ चीन के रूस के साथ मजबूत संबंध हैं और उसने दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए युद्ध को समाप्त करने पर जोर दिया है। चीन के इस रुख से ना केवल यूक्रेन बल्कि पश्चिमी यूरोपीय देश और अमेरिका भी असहमत है, जो किसी भी समझौते के आधार के रूप में रूस की यूक्रेन से वापसी की मांग कर रहे हैं।
'शांति वार्ता में शामिल नहीं हुआ था चीन'
चीन पिछले सप्ताह स्विट्जरलैंड में आयोजित शांति वार्ता में शामिल नहीं हुआ था क्योंकि रूस को इसमें शामिल नहीं किया गया था। उम्मीद की जा रही है कि कुलेबा चीनी अधिकारियों को अगली शांति वार्ता में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। यह शांति वार्ता नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने की संभावना है। कुलेबा के दौरे से संकेत मिलता है कि यूक्रेन के पक्ष में कोई भी शांति समझौता चीन को भरोसे में लिए बिना संभव नहीं हो सकता।
चीन ने क्या कहा?
चीन के अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच दोस्ताना और सहयोगात्मक संबंध है। दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि को रेखांकित करते हुए वांग ने कहा कि ‘‘जटिल और लगातार बदल रही अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय परिस्थितियों’’ के बावजूद दोनों देशों के संबंध सामान्य तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। कुलेबा मंगलवार को चीन पहुंचे थे और उनके शुक्रवार को यहां से रवाना होने की संभावना है। (एपी)
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