Turkey and Kurd Conflict: तुर्किये की राजधानी अंकारा में आतंकी हमला हुआ है। बुधवार शाम अंकारा के नजदीक देश की सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी ‘तूसास’ के कैंपस पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 5 लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हुए हैं। इस हमले के पीछे कुर्द संगठनों का हाथ बताया जा रहा है। तुर्किये के गृह मंत्री ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और वामपंथी रिवोल्यूशनरी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी पर शक जताया है। हालांकि, अभी किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तुर्किये और कुर्दों के बीच दुश्मनी की जड़ें ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक तौर पर भी देखने को मिलती हैं। यह दुश्मनी कई दशकों से चली आ रही है और इसके कई प्रमुख कारण हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कुर्द एक प्रमुख जातीय समूह हैं जो मुख्य रूप से तुर्किये, ईरान, इराक, और सीरिया में बसे हुए हैं। प्रथम विश्व युद्ध के बाद, ओटोमन साम्राज्य का जब पतन हुआ तो उस समय, कुर्दों को अपना एक स्वतंत्र राज्य मिलने की उम्मीद थी। लेकिन 1920 की सेवरेस संधि के बावजूद, 1923 की लॉज़ेन संधि ने उन्हें ऐसा कोई राज्य प्रदान नहीं किया, जिससे वो विभिन्न देशों में विभाजित रह गए।
राजनीतिक और सांस्कृतिक दमन
तुर्किये में कुर्दों को लंबे समय तक सांस्कृतिक और भाषाई दमन का सामना करना पड़ा। तुर्किये सरकार ने कुर्द भाषा, संस्कृति और पहचान को दबाने के लिए कड़े कदम उठाए। कुर्द भाषा पर प्रतिबंध लगा दिया गया और कुर्दों को तुर्क पहचान अपनाने के लिए मजबूर किया गया।
कुर्द राष्ट्रवाद और PKK
1970 और 1980 के दशक में, कुर्द राष्ट्रवाद ने जोर पकड़ा और कुर्दिश वर्कर्स पार्टी का गठन हुआ। PKK ने तुर्किये सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसक झड़पें और दोनों पक्षों में बड़ी संख्या में मौतें हुईं। तुर्किये सरकार PKK को एक आतंकवादी संगठन मानती है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है।
आधुनिक राजनीतिक स्थिति
आज, तुर्किये में कुर्दों का मसला महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बना हुआ है। तुर्किये सरकार ने कुछ सुधार किए हैं, लेकिन PKK के साथ संघर्ष जारी है। कुर्द नेताओं और समर्थकों को अक्सर तुर्किये सरकार की तरफ से गिरफ्तार किया जाता है और कुर्द क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई होती रहती है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव
सीरिया और इराक में कुर्दों की स्थिति ने भी तुर्किये-कुर्द संबंधों को प्रभावित किया है। सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान, कुर्दों ने स्वायत्तता हासिल की, जिससे तुर्किये को खतरा महसूस हुआ। इराक में भी कुर्दिस्तान क्षेत्रीय सरकार की स्वायत्तता तुर्किये के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
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