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पाकिस्तान में सरकार गिराकर ये आंतकी संगठन लागू करना चाहता है शरिया कानून, अमेरिकी रिपोर्ट ने किया खुलासा

पाकिस्तान के खिलाफ उनके ही आतंकी संगठन जाल बुन रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार को गिराकर कुछ आतंकी संगठन अपनी वर्चस्व बनना चाहते हैं। जिसके बाद वह शरिया कानून लाने की योजना बना रहे हैं। अमेरिकी रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Mar 01, 2023 22:46 IST, Updated : Mar 01, 2023 22:46 IST
Pakistan TTP
Image Source : PTI पाकिस्तान में सरकार गिराकर TTP आंतकी संगठन शरिया कानून लागू करना चाहता है।

कंगाल पाकिस्तान का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान इन दिनों पाई-पाई को मोहताज है। कोई भी देश उसकी मदद करने को तैयार नहीं है। ऐसे में खबर आ रही है कि पाकिस्तान के ही आतंकी संगठन अपने देश की सरकार को गिराने के फिराक में हैं। अमेरिका की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकी समूह ने प्रमुख रूप से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में अपने लक्षित हमलों को तेज कर दिया है, क्योंकि इसका उद्देश्य प्रांत में सेना और राज्य के खिलाफ एक आतंकवादी अभियान चलाकर सरकार को गिराना और शरिया कानून लागू करना है।

रिपोर्ट में किए गए कई खुलासे

अमेरिका की रिपोर्ट आते ही पाकिस्तान सरकार में खलबली मच गई है। पाक सरकार ने अपने अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश गिए हैं। 'आतंकवाद पर 2021 देश की रिपोर्ट' शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी अपने गुर्गो के ट्रेनिंग और तैनाती के रूप में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा और दोनों तरफ के ट्राइबल बेल्ट का उपयोग करता है। इसमें कहा गया, "टीटीपी अपना वैचारिक मार्गदर्शन अल कायदा से प्राप्त करता है, जबकि आतंकवादी समूह के तत्व अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के साथ पश्तून क्षेत्रों में सुरक्षित पनाहगाह के लिए टीटीपी पर भरोसा करते हैं।"

"पाकिस्तान में बड़े हमलों को अंजाम दे रहे आतंकी"

रिपोर्ट में कहा गया, "इस व्यवस्था ने टीटीपी को अल कायदा के वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क और उसके सदस्यों की ऑपरेशनल एक्सपरटीज दोनों तक पहुंच प्रदान की है।" टीटीपी, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) सहित आतंकवादी समूह सीमा तक कबायली बेल्ट पहुंच के प्रमुख लाभार्थियों में से हैं, जो पाकिस्तान में बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं। पाकिस्तान ने समीक्षाधीन वर्ष यानी 2021 के दौरान महत्वपूर्ण आतंकवादी गतिविधि का अनुभव किया। 2021 में, अलगाववादी आतंकवादी समूहों ने बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में विभिन्न लक्षित क्षेत्रों के खिलाफ आतंकवादी हमले किए।

आतंकियों ने अपनाए कई हथकंडे

रिपोर्ट में कहा गया, "आतंकवादियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस, व्हीकल बोर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस, आत्मघाती बम विस्फोट और लक्षित हत्याओं सहित विभिन्न लक्ष्यों पर हमला करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए।" इसने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पाकिस्तान ने भारत-केंद्रित आतंकवादी समूहों पर शिकंजा कस कर आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण आतंकवाद-रोधी उपाय किए। रिपोर्ट ने आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रिया को बनाए रखने में पाकिस्तान की विफलता की भी आलोचना की, यही कारण है कि आतंकवादी समूह समय-समय पर फिर से संगठित होने और फिर से इकट्ठा होने में सक्षम हैं। इसने जोर देकर कहा कि टीटीपी के अलावा, पाकिस्तान को आईएसकेपी, अफगान तालिबान और उज्बेकिस्तान के इस्लामी आंदोलन से बड़े खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

पाकिस्तान में 3 से 5 हजार आतंकी

माना जाता है कि इन समूहों के पास पाकिस्तान में 3,000 से 5,000 के बीच आतंकवादी हैं और उन्होंने देश में नागरिकों और सरकारी अधिकारियों पर हमलों की जिम्मेदारी भी ली है। रिपोर्ट में पाकिस्तान के इस दावे का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने के लिए भी आलोचना की गई है कि वह किसी भी आतंकी समूह को देश में अपनी मिट्टी और कार्य का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा। हालाँकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैहा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकी समूह 2021 में पाकिस्तानी सरजमीं से काम करते रहे। रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान ने 2021 में आतंकी वित्तपोषण का मुकाबला करने और कुछ भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों पर लगाम लगाने के लिए कुछ कदम उठाए, अधिकारियों ने उन्हें खत्म करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की।"

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