इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक फैसले ने फिर से फिलिस्तीनियों के साथ तनाव को बढ़ा दिया है। फिलिस्तीन ने इजराइल के उस फैसले की निंदा की है, जिसमें यहूदी लोगों को 18 साल पहले खाली कराई गई इजराइली बस्ती में वापस जाने की अनुमति दी गई है। फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि वह इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के उत्तरी वेस्ट बैंक में 2005 में खाली किए गए होमेश बस्ती में बसने वालों को वापस जाने की अनुमति देने की निंदा करता है। विदेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को इजराइल रेडियो ने बताया कि गैलेंट ने यह कदम केसेट या संसद द्वारा दूसरी और तीसरी रीडिंग में बसने वालों की वापसी को मंजूरी देने के हफ्तों बाद उठाया।
रेडियो ने कहा कि इजराइली सेना बस्ती के पुनर्निर्माण के लिए सैन्य स्थलों की स्थापना करेगी। फिलिस्तीनी बयान में कहा गया है कि फिलिस्तीनी लोगों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निर्धारित अन्य लोगों की तरह आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। 1967 में वेस्ट बैंक पर अपने कब्जे के बाद, इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए दर्जनों बस्तियों का निर्माण किया है। फिलिस्तीनी और इजरायली संस्थानों के अनुसार, वेस्ट बैंक में 132 बस्तियां स्थापित की गई हैं। यह विवाद के प्रमुख वजहों में हैं। वर्ष 2005 में जिन इजरायली बस्तियों को खाली करवा दिया गया था, उसमें फिर से यहूदियों को बसाने के फैसने ने नई जंग छेड़ दी है।