ढाका: बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है, उनके घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। हिंदुओं की बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है।हत्याएं हो रही हैं। जुल्म की हर हदों से अल्पसंख्यकों को गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश' ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को छात्र आंदोलन की "मूल भावना के खिलाफ'' करार दिया है। साथ ही अधिकारियों से हिंसा प्रभावित देश में सरकारी व अल्पसंख्यकों समुदायों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बुधवार को आह्वान किया।
बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा दिए जाने और फिर देश छोड़ने के बाद वहां की सेना ने नियंत्रण हाथ में लिया। जिसके बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद भंग कर दी और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया। बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या बढ़कर 440 हो गयी है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आगजनी और तोड़फो़ड़ की गई। साथ ही मंदिरों पर भी हमला किया गया। ढाका में दो सामुदायिक नेताओं के अनुसार, कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है और हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हिंसा में हत्या कर दी गई है।
हिंदू गायक राहुल आनंद के घर पर भी हमला
बांग्लादेश के अंग्रेजी समाचार पत्र 'डेली स्टार' में प्रकाशित खबर के अनुसार, लोकप्रिय लोक बैंड जोलर गान के प्रमुख गायक राहुल आनंद के आवास पर सोमवार को बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई, जिसके कारण गायक और उनके परिवार को एक गुप्त स्थान पर शरण लेनी पड़ी। जोलर गान के संस्थापक सदस्यों में से एक सैफुल इस्लाम जारनल के हवाले से खबर में कहा गया, ''राहुल दा और उनका परिवार घबराया हुआ है और उसने एक गुप्त स्थान पर शरण ली हुई है, जिसका कुछ ही लोगों को पता है। हम अभी तक उनसे संपर्क नहीं कर पाये हैं। यह उनका घर भी नहीं था, यह किराये पर लिया गया था जिसमें वे दशकों से रह रहे हैं।'' खबर में कहा गया है कि भीड़ ने घर में तोड़फोड़ के साथ-साथ कीमती सामान भी लूट लिया और आग लगा दी जिसमें संगीतकार के 3000 से अधिक संगीत वाद्ययंत्र भी नष्ट हो गए जो उन्होंने वर्षों की मेहनत से तैयार किये थे।
घरों, मंदिरों के साथ दुकानों का भी बनाया निशान
ढाका ट्रिब्यून अखबार में प्रकाशित की गई खबर में बताया गया, ''ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश (टीआईबी) ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के घरों, मंदिरों और व्यवसायों पर हमलों सहित जिलों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की है। इसमें बताया गया कि टीआईबी ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और वाहनों को आग लगा देने और लूटपाट की घटनाओं की भी निंदा की है। बांग्लादेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले संगठन टीआईबी ने टिप्पणी की है कि इस तरह की स्वार्थी और सांप्रदायिक गतिविधियां राष्ट्र को "समानता, न्याय और अच्छे शासन के साथ" पुनर्निर्माण करने के मौकों को विफल कर सकती हैं।
संसद भवन और पीएम हाउस पर भी हमले
टीआईबी के कार्यकारी निदेशक डॉ.इफ्तिखारुज्जमां ने मंगलवार को एक बयान जारी कर सभी जिम्मेदार अधिकारियों से देश में रह रहे अल्पसंख्यकों और राज्य की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ''यह बेहद निराशाजनक है कि हमें आंदोलन के अभूतपूर्व विजयी पल के बीच धार्मिक अल्पसंख्यकों और राज्य की संपत्तियों की सुरक्षा की मांग करनी पड़ रही है, जहां सैकड़ों छात्रों और नागरिकों ने समानता, सद्भाव और सभी के समान अधिकारों की मांग के लिए खून बहाया।''
समाचार पत्र ने हाल में हुई हिंसा और संसद भवन, अदालत परिसर, मुख्य न्यायाधीश के आवास, सरकारी संस्थानों, पुलिस थानों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि जो लोग बदले के लिए सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें यह सोचना चाहिए कि जो भी सरकार सत्ता में आएगी उसे इनका पुनर्निर्माण करना होगा। (भाषा) '