तोशाखाना मामले में निचली अदालत से दोषी करार दिए जा चुके पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का राजनीतिक करियर खत्म होने के कगार पर है। दोबारा पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे इमरान खान के गले का तोशाखाना भ्रष्टाचार मामला फांस बन चुका है। इसी के चलते वह सलाखों के पीछे हैं। जनवरी 2024 में पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में लड़ पाने की उनकी मंशा पर भी पानी फिरता दिख रहा है। लिहाजा अब इमरान खान ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में निचली अदालत के फैसले को निलंबित करने का अनुरोध करते हुए बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का रुख किया है।
बता दें कि एक महीने पहले, सरकारी तोहफे संबंधी विवरण छिपाने के लिए उच्च न्यायालय ने जेल में बंद खान की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया था। खान बृहस्पतिवार को 71 साल के हो गए। उन्हें इस साल पांच अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और अदालत द्वारा तोशाखाना (उपहार संग्रह करने के लिए सरकार की इकाई) भ्रष्टाचार मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अटक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस्लामाबाद की निचली अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख खान को तोशाखाना मामले में ‘‘भ्रष्ट आचरण’’ का दोषी पाया था। बाद में, उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा खान की दोषसिद्धि में ‘‘प्रक्रियात्मक विसंगति’’ का उल्लेख किया।
क्या था मामला
उच्च न्यायालय द्वारा तोशाखाना मामले में खान की सजा को निलंबित किए जाने के बाद, सरकार ने पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक राजनयिक दस्तावेज का खुलासा करके शासकीय गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में खान को हिरासत में लिया था। वह तब से न्यायिक हिरासत में सलाखों के पीछे हैं, जिसे 10 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद 26 सितंबर को खान को पंजाब प्रांत की अटक जेल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। पिछले सप्ताहांत, पुलिस ने विशिष्ट कमांडो की तैनाती और अतिरिक्त सुरक्षा पिकेट स्थापित करके अदियाला जेल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी थी। ‘‘डॉन’’ अखबार की खबर के अनुसार खान ने वरिष्ठ वकील लतीफ खोसा के माध्यम से बृहस्पतिवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 561-ए (उच्च न्यायालय की शक्ति के संबंध में) के तहत तोशाखाना के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।
फैसले को निलंबित करने की मांग
इमरान खान की ओर से दायर याचिका में ‘‘28 अगस्त के आदेश में संशोधन कर सजा के साथ-साथ संबंधित आदेश की तामील को निलंबित करने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया कि जिरह के समय अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने मौखिक रूप से भी इस संबंध में प्रार्थना की थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय 28 अगस्त को तोशाखाना मामले में खान की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया। वहीं, उच्च न्यायालय ने खान की पत्नी बुशरा बीबी की याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने पति के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सुनवाई की अध्यक्षता की और मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। खोसा बुशरा बीबी के वकील के रूप में पेश हुए और अदालत से खान को घर का बना खाना उपलब्ध कराने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने अदालत के समक्ष दलील दी, ‘‘खान को जिस कोठरी में रखा गया है, वहां मुश्किल से ही प्रार्थना की जा सकती है।
’’ खोसा ने कहा, ‘‘यह हमारा इतिहास है कि जो भी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनता है, वह बाद में अदियाला और अटक जेलों का मेहमान बन जाता है।’’ मामले में अदालत ने नोटिस जारी किया और सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। मंगलवार को, खान के कानूनी मामलों के प्रवक्ता नईम हैदर पंजुथा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को सोमवार रात अदियाला जेल में निचली श्रेणी की कोठरी में ले जाया गया और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री की जान खतरे में होने की आशंका जताई। उन्होंने यह भी कहा कि बुशरा बीबी ने मंगलवार को अदियाला जेल में इमरान से मुलाकात की। (भाषा)
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