Highlights
- तिब्बत में ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय में दोहरे अंकों की वृद्धि
- सात वर्षों में भी चीन नहीं कर सका पीछा
- तिब्बत ने मेहनत के दम पर पाया मुकाम
Tibet-China News: वैसे तो चीन हर मामले में तिब्बत से सैकड़ों कदम आगे है। मगर अब एक मामले में तिब्बत ने चीन को पीछे छोड़कर सबको हैरान कर दिया है। तिब्बत की इस कामयाबी से चीन भी परेशान है। हालत यह है कि लगातार सात वर्षों तक पीछा करने के बाद भी चीन इस मामले में तिब्बत के आसपास भी नहीं पहुंच पाया। ऐसे में तिब्बत की चारों तरफ तारीफ हो रही है।
दरअसल अक्टूबर में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश द्वारा आयोजित तिब्बत दशक प्रेस कॉन्फ्रेंस से मिली खबर के अनुसार 2012 के बाद से तिब्बत में ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय में लगातार कई वर्षों तक दोहरे अंकों की वृद्धि बनी रही। यह तिब्बत के लिए अच्छा संकेत है। खास बात यह है कि लगातार सात वर्षों तक तिब्बत में यह वृद्धि दर चीन भर में पहले स्थान पर रही।
हाल के वर्षों में तिब्बत ने किसानों और चरवाहों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये और ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय में अच्छी वृद्धि बनी रही। 2021 में तिब्बत में ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय 16,935 युआन तक पहुंची, जो 2012 की तुलना में 2.97 गुनी है। उनमें से वेतन आय 6,086 युआन थी, जो 2012 की तुलना में 4 गुनी थी, शुद्ध परिचालन आय 7,374 युआन थी, जो 2012 की तुलना में दोगुनी थी, शुद्ध संपत्ति आय 768 युआन थी, जो 2012 की तुलना में 5 गुनी थी, शुद्ध हस्तांतरण आय 2,707 युआन थी, जो 2012 की तुलना में 2.8 गुनी थी।
इस छमाही में हुई 11.1 फीसद वृद्धि
इस वर्ष की पहली छमाही में तिब्बत में ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 5,705 युआन तक पहुंच गई, जो राष्ट्रीय औसत वृद्धि दर से 5.3 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, तिब्बत में किसानों और चरवाहों की स्थानांतरित नौकरियों की संख्या 2012 के 4.5 लाख से बढ़कर 2021 में 6.93 लाख हो गई। जबकि श्रम आय 2012 के 1.85 अरब युआन से बढ़कर 2021 में 5.81 अरब युआन हो गई।
तिब्बत में दलाई लामा की तस्वीर रखना गुनाह
तिब्बत में भिक्षुओं को अक्सर चीनी अधिकारियों की निगरानी में रहना पड़ता है। इस मामले में दोनों भिक्षुओं के परिजनों को धमकी दी गई कि चूंकि उन्होंने उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी, इसलिए उन्हें न तो दोनों का हालचाल बताया जाएगा और न ही यह बताया जाएगा कि उन्हें किस जेल में रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2011 के बाद से चीन की सरकार तिब्बत के हर घर की तलाशी ले रही है और वहां के लोगों को बता रही है कि दलाई लामा की तस्वीरें रखना हथियार रखने जैसा गंभीर अपराध है।
दलाई लामा से क्यों चिढ़ता है चीन?
तिब्बत एक आजाद देश हुआ करता था। 14वें दलाई लामा के चुनाव के वक्त चीन ने तिब्बत पर जबरन कब्जा कर लिया। इस घटना के बाद तिब्बत में जबरदस्त बगावत हुई लेकिन चीन ने वहां उठने वाली हर आवाज को बेरहमी से दबा दिया। ड्रैगन दलाई लामा को गिरफ्तार करना चाहता था, लेकिन वह किसी तरह बचकर भारत आ गए। उन्हें चीन अपनी 'वन चाइना पॉलिसी' के लिए खतरा मानता है। उसे लगता है कि दलाई लामा की वजह से तिब्बत के लोग एक बार फिर संगठित हो सकते हैं।