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5 साल में तोड़ दीं हजारों मस्जिदें, चीन में धर्मों के खिलाफ बढ़े सरकारी 'जुल्म'

चीन के ह्युनान प्रांत के नागु में 14वीं सदी में बनी एक मस्जिद के गुंबद और मिनारों को गिराने की कोशिश हुई तो प्रदर्शन​कारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: June 08, 2023 10:36 IST
5 साल में तोड़ दीं हजारों मस्जिदें, चीन में धर्मों के खिलाफ बढ़े सरकारी 'जुल्म' - India TV Hindi
Image Source : FILE 5 साल में तोड़ दीं हजारों मस्जिदें, चीन में धर्मों के खिलाफ बढ़े सरकारी 'जुल्म'

China News: चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जुल्म कोई नई बात नहीं है। हाल के समय में चीनी सरकार द्वारा धार्मिक समूहों की गतिविधियों पर नियं​त्रण बढ़ाया गया है। साल 2021 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धर्म के चीनीकरण का नारा दिया यानी विभिन्न धार्मिक संगठनों को चीनी संस्कृति और समाज के रंग में ढाला जाए। यही कारण है कि उइगर मुस्लिमों पर चीन की जिनपिंग सरकार में जुल्म हो रहे हैं। वहीं हाल के कुछ वर्षों में हजारों मस्जिदों को तोड़ा गया है। 

ताजा मामला चीन के ह्युनान प्रांत में आया है। यहां नागु में 14वीं सदी में बनी एक मस्जिद के गुंबद और मिनारों को गिराने की कोशिश हुई तो प्रदर्शन​कारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। चीनी सरकारी अधिकारियों ने जब नाजियायिंग मस्जिद के कुछ हिस्सों को गिराने का प्रयास किया, तो इसके जवाब में शनिवार को झड़प हुई और अशांति फैल गई। 

2017 के बाद शिनजियांग में 8500 मस्जिदें की गईं ध्वस्त

कैनबरा के एक शोध समूह 'ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के बाद से शिनजियांग में लगभग 8,500 मस्जिदों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। मस्जिदों की ये तोड़-फोड़ माओ त्से तुंग के शासनकाल में 1966 में शुरू हुई। 

साल 2020 में आए अदालत के फैसले के बाद पिछले सप्ताह मस्जिद के उपरी हिस्से को गिराने का काम हुआ। अदालत का फैसला था कि मस्जिद में हाल ही में एक गुंबददार छत और मीनार जोड़ना अवैध था और इसे हटाया जाना चाहिए। जब मस्जिद के कुछ हिस्से गिराने का काम शुरू हुआ तो स्थानीय लोगों ने नागु में ऐतराज जताया। ये सभी मुस्लिम अल्पसंख्यक जातीय समूह के हैं। 

57 साल से चीन में हो रही ऐसी तोड़फोड़

चीन में मस्जिदों का तोड़ना कोई नई बात नहीं है। 1966 से चीन में ये तोड़-फोड़ हो रही है। चीन ने लगातार शिनजियांग में मस्जिदों और कई मशहूर तीर्थ स्थलों को या तो बंद कर दिया या पूरी तरह ध्वस्त कर रहा है। एक अभियान के तहत ये किया जा रहा है, जिसका मकसद उइगरों, कजाखों और अन्य मध्य एशियाई जातीय समूहों के सदस्यों को कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार अनुयायियों में बदलना है।

कम्यूनिस्ट विचारधारा को मानती है चीन की सरकार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने हाल के वर्षों में धार्मिक समूहों की गतिविधियों पर नियंत्रण बढ़ाया है। चीन एक नास्तिक देश है। धर्म पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी-माओवादी सिद्धान्त को मानती है। अब लोग इस मामले पर सरकार का विरोध कर रहे हैं। हालांकि चीन की सरकार धार्मिक स्थलों को व्यापक रूप से गिराए जाने की खबरों को खारिज करती आई है। चीनी अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट पर चीन को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 

3 साल में तोड़ी गईं हजारों मस्जिदें

चीन के शिनजियांग में इमाम आसिम दरगाह एक बड़ी दरगाह थी। 2015 तक यहां पर उइगर मुस्लिम नमाज पढ़ते थे। 2020 तक यह मस्जिद तोड़ दी गई। पिछले साल काशगर की इस मस्जिद में बार बना दिया गया।वहीं नानयुआन स्ट्रीट मस्जिद को 2018 में और ओर्डम मजार को 2019 में तोड़ा गया। 

शिनजियांग में 8 गुना मस्जिदें तोड़ डाली गईं

थिंक टैंक ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक शिनजियांग में 24 हजार में से 3 हजार मस्जिदें ही बचीं। रिपोर्ट में बताया ​गया कि 2017 के बाद से 30% मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया। जबकि 30% किसी न किसी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। 

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