Protest in China & Xi Jinping: कोविड नीतियों के खिलाफ चीन में विरोध प्रदर्शन करने वालों के दिन बुरे होने वाले हैं। खासकर इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस्तीफा मांगने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देना पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चीनी सुरक्षाबलों ने ऐसे सभी लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान शी जिनपिंग का इस्तीफा मांगा था। इसके साथ ही ऐसे लोगों को भी खोजा जा रहा है, जिन्होंने इस्तीफा मांगने वालों का समर्थन प्रत्यक्ष या सोशल मीडिया के माध्यम से किया था। इन लोगों को कई वर्षों की कड़ी सजा सुनाई जा सकती है।
सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी स्वयं कह रही है कि पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सत्ता छोड़ने की मांग करने वालों को विध्वंसक और वर्षों तक जेल की सजा के दंड को उपयुक्त मानती है। यानि ऐसे सभी लोगों को कई वर्षों के लिए जेल में डाला जा सकता है। मतलब साफ है कि चीन में अब सिर्फ जिनपिंग की तानाशाही चलेगी। कोई भी इस तनाशाही के खिलाफ आवाज उठाएगा तो उसकी सजा जेल होगी।
विरोध प्रदर्शनकारियों का ऐसे होगा दमन
चीन पर जब अपने शासन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात आती है, तो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शासक कोई कोताही बरतते नहीं दिखते। कोविड-19 के खिलाफ सख्त और खत्म होती नहीं दिख रही पाबंदियों के खिलाफ जब बीजिंग और अन्य शहरों में सड़कों पर दशकों में सबसे उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू हुए तो असंतोष को दबाने पर सरकार द्वारा पड़े पैमाने पर हुए खर्च की बानगी नजर आई। बड़े पैमाने पर उथल-पुथल को शांत करने के लिए आवश्यक मशीनरी स्थापित करते हुए सरकार दशकों से ऐसी चुनौतियों के लिए तैयारी कर रही है। शुरुआत में काली मिर्च के स्प्रे और आंसू गैस का इस्तेमाल कर हल्की प्रतिक्रिया देने के बाद, पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने शहर की सड़कों पर जीपों, वैनों और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ भारी मात्रा में बल का प्रदर्शन किया। लोगों के पहचान पत्रों की जांच के साथ ही असंतुष्टों की पहचान के लिये अधिकारियों ने फोटो, संदेश या प्रतिबंधित ऐप्स के लिए लोगों के मोबाइल फोन भी खंगाले जिससे विरोध प्रदर्शनों में भागीदारी या यहां तक कि ऐसे लोगों से सिर्फ सहानुभूति तक रखने वाले लोगों की पहचान की जा सके।
चीन में अस्थिर हैं हालात
राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस्तीफा मांगने वाले और विरोध प्रदर्शन करने वााले अज्ञात लोगों को सैकड़ों की संख्या में हिरासत में लिया गया है। अब इनमें से इस्तीफा मांगने वालों को कड़ी सजा सुनाए जाने पर विचार हो रहा है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से सिर्फ कोविड का विरोध करने वालों पर आरोप लगेंगे या नहीं। अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा “शून्य-कोविड” नीति पर केंद्रित रखा था जो व्यापक लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंधों और निरंतर परीक्षण के माध्यम से संक्रमण को खत्म करने का प्रयास करती है, लेकिन कुछ ने पार्टी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग से सत्ता छोड़ने की मांग की जिसे सत्ताधारी दल विध्वंसक और वर्षों तक जेल की सजा के दंड के लिए उपयुक्त मानता है। बड़े पैमाने पर खर्च और व्यापक आंतरिक सुरक्षा नेटवर्क चीन को असंतोष पर नकेल कसने के लिए अच्छी तरह से तैयार करता है। हेरिटेज फाउंडेशन के चीन राजनीति विशेषज्ञ डीन चेंग ने वाशिंगटन डीसी स्थित रूढ़िवादी विचारक संस्था की वेबसाइट पर लिखा, इससे यह भी सुझाव मिलता है कि “चीन का नेतृत्व दुनिया को जो दिखाना चाहता है, देश के वास्तविक हालात उससे कहीं ज्यादा अस्थिर हैं।”