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इस देश ने चीन को दिखाई आंख, चीनी ऐतराज के बावजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों को लिए देगा जमीन

चीन की कड़ी आपत्ति के बावजूद फिलीपींस सरकार ने सोमवार को चार नए स्थानीय सैन्य क्षेत्रों की पहचान की, जहां अपने साजो सामान के साथ अमेरिकी सैन्यकर्मियों को बारी बारी से अनिश्चित काल तक रहने दिया जाएगा।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Apr 03, 2023 19:19 IST, Updated : Apr 03, 2023 23:36 IST
इस देश ने चीन को दिखाई आंख, चीनी ऐतराज के बावजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों को लिए देगा जमीन
Image Source : FILE इस देश ने चीन को दिखाई आंख, चीनी ऐतराज के बावजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों को लिए देगा जमीन

Philippines: हिंद प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी को कुचलने के लिए अमेरिका लगातार सैन्य अड़्डे बना रहा है। इसके लिए उसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के सहयोग की जरूरत है, लेकिन कई देश चीन के प्रभाव के कारण शांत रहते हैं। लेकिन फिलीपींस ने चीन की दादागिरी को ठेंगा दिखाते हुए अमेरिका को अपने सैन्य अड्डे बनाने के लिए जमीन देने को राजी हो गया है। अमेरिकी सैन्य अड्डों के लिए नए क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। 

चीन की आपत्ति के बावजूद फिलीपींस ने अमेरिकी सैन्य अड्डों के लिए चार जगहों को चिह्नित किया है। चीन की कड़ी आपत्ति के बावजूद फिलीपींस सरकार ने सोमवार को चार नए स्थानीय सैन्य क्षेत्रों की पहचान की, जहां अपने साजो सामान के साथ अमेरिकी सैन्यकर्मियों को बारी बारी से अनिश्चित काल तक रहने दिया जाएगा। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संधि के आधार पर 2014 के रक्षा समझौते के तहत चार अतिरिक्त सैन्य अड्डों में अमेरिकी सैन्यकर्मियों को तैनात करने की अनुमति दे दी है। मार्कोस ने कहा कि इस कदम से फिलीपींस की तटीय सुरक्षा मजबूत होगी। 

इन जगहों को किया गया चिह्नित

राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा चिह्नित नयी जगहों में सांता एना शहर में फिलीपीन नौसैन्य अड्डा और उत्तरी कागायन प्रांत में लाल लो शहर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है। इन दो स्थानों को चिह्नित किए जाने से चीन नाराज है क्योंकि वे अमेरिकी सेना को दक्षिणी चीन सागर और ताइवान के करीब ठिकाना प्रदान करेंगे। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। 

जहां बनना है सैन्य क्षेत्र उन इलाकों को अपना बताता है चीन

दो अन्य सैन्य क्षेत्र उत्तरी इसाबेला प्रांत में और पश्चिमी प्रांत पलावन में बलाबाक द्वीप पर हैं। पलावन दक्षिण चीन सागर के करीब है जो विश्व व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग है और चीन इसके समूचे हिस्से पर अपना दावा जताता है। चीनी दूतावास ने हाल में एक बयान में चेतावनी दी थी कि अमेरिका के साथ सुरक्षा सहयोग से फिलीपींस भू राजनीतिक संघर्ष के दलदल में फंस जाएगा और उसके आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचेगा।

चीनी दबदबे को तोड़ना चाहता है अमेरिका

दरअसल, चीन दक्षिण चीन सागर के पूरे इलाके पर अपना दबदबा कायम करना चाहता है। क्योंकि यह पूरा सामुद्रिक इलाका कारोबार के लिहाज से बेहद अहम हैं। यहां स्थित छोटे देशों पर भी चीन दादागिरी करता है। ऐसे में अमेरिका यहां सैन्य बेस बना रहा है, ताकि चीन के वर्चस्व को कम किया जा सके। यही नहीं, वैश्विक कूटनीति में इस समय चीन जिस तरह की भूमिका निभा रहा है, ऐसे में भविष्य में बड़ी जंग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अमेरिका के नए सैन्य अड्डे बनना इसी दिशा में तैयारी के रूप में देखे जा सकते हैं। 

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