Pakistan News: भारत के पड़ोसी मुस्लिम मुल्क पाकिस्तान जिसकी कंगाली हालत दुनिया से छिपी नहीं है। इस देश की आजादी के बाद से अब तक के 75 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब उसे सऊदी अरब को अपना हज कोटा वापस करना पड़ा है। भारी महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान में इस बार हज के लिए बहुत कम संख्या में आवेदन मिले थे, जिसे देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने यह फैसला किया है।
कंगाल पाकिस्तान का खजाना खाली हो चुका है। जनता भूख से मर रही है। आटे दाल के भाव आसमान पर हैं और इनकी भारी किल्लत है। पेट्रोल डीजल और खाने की वस्तुओं के आसमान छूते दाम यानी महंगाई के चलत आम जनता की पहले की कमर टूट चुकी है। ऐसे में विदेशी मुद्रा की कमी से जूझते पाकिस्तान को हज कोटा वापस करने के कदम से करोड़ों डॉलर बचाने में मदद मिलेगी।
हज कोटा वापस करके पाकिस्तान ने 2.4 करोड़ डॉलर बचाए
पाकिस्तान के अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आठ हजार सरकारी योजना कोटा वापस कर दिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य 2.4 करोड़ डॉलर बचाना है। सरकार को यह अतिरिक्त राशि हज जाने वाले लोगों के रहने के लिए सब्सिडी के रूप में देनी पड़ती, लेकिन अब बचा हुआ हज कोटा वापस किए जाने के बाद पाकिस्तान की सरकार के पास यह पैसा बच जाएगा।
पाकिस्तान की सरकार ने पहले यह घोषणा की थी कि हज जाने वाले आवेदकों के लिए लकी ड्रॉ सिस्टम नहीं होगा क्योंकि आवेदकों की संख्या काफी कम है। आवेदकों की संख्या आवंटित कोटा से अधिक रहने पर सरकार लकी ड्रॉ के जरिए हज यात्रियों का नाम तय करती है।
हज कोटा बढ़ाने की मांग थी, अब हज जाने के लिए नहीं मिल रहे लोग
पाकिस्तान की सरकार लंबे समय से यह मांग कर रही थी कि सऊदी अरब मक्का में हज के लिए पाकिस्तान के हज कोटे को बढ़ाए। लेकिन अब हालत यह है कि पाकिस्तान आवंटित कोटे को ही वापस कर रहा है। इस साल लंबे समय बाद पाकिस्तान को हज के लिए उसका पूरा कोटा भी मिला था।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी
पाकिस्तान सरकार द्वारा हज कोटे को वापस दिखाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान की हालत कितनी कंगाल हो चुकी है। पाकिस्तान की आवाम के पास इतना पैसा नहीं हैं कि वे हज पर जा सकें। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, पाकिस्तान के पास फिलहाल 4.46 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार रह गया है।