इजरायल-हमास युद्ध में गाजा पर आइडीएफ के हमले के खिलाफ जंग लड़ रहे यमन ने लाल सागर में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। अब तक लाल सागर में यमन ने इजरायली पोत का अपहरण करने के साथ ही अमेरिका, फ्रांस और भारत समेत कई देशों को युद्धपोत को निशाना बना चुका है। ऐसे में लाल सागर में बवंडर मच गया है। अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक युद्धपोतों को यमन के विद्रोहियों और हूतियों के आतंकी हमलों को जवाब देने के लिए लाल सागर में उतार दिया है। फ्रांस, जापान समेत कई अन्य देशों के युद्धपोत भी लाल सागर में चौकसी भर रहे हैं। वहीं भारत लाल सागर में तेजी से बदलते हर हालात पर पल-पल की नजर रख रहा है।
लाल सागर की मौजूदा स्थिति पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची कहते हैं, "भारत हमेशा वाणिज्यिक शिपिंग की मुक्त आवाजाही का समर्थक रहा है। इसलिए यह एक ऐसी चीज है, जिसमें हम रुचि रखते हैं। हम, निश्चित रूप से, वहां के विकास की निगरानी कर रहे हैं। हम' यह फ्री शिपिंग सुनिश्चित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का भी हिस्सा है। जहाज की चोरी हो या फिर चाहे वह कोई अन्य अपराध हो, भारत ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। इसलिए भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाते हुए लाल सागर के हर हालात पर नजर रख रहा है। बागची ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय शांति के हर प्रयासों में शामिल रहा है। इसलिए हम लाल सागर पर निगरानी रखना जारी रखेंगे।
तीसरे विश्व युद्ध का बढ़ रहा खतरा
लाल सागर में यमन के हमले के खिलाफ अमेरिका, फ्रांस, जापान समेत अन्य यूरोपीय देशों की चहलकदमी ने तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। अमेरिका ने लाल सागर में आतंकी हमलों को जवाब देने के लिए सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। वहीं यमन के साथ लेबनान और ईरान ने भी लाल सागर में अपने युद्धपोतों की तैनाती को बढ़ा दिया है। भारतीय युद्धपोत भी लाल सागर में शांति और सुरक्षा को कायम रखने के लिए निगरानी पर हैं। ऐसे में लाल सागर दुनिया की टेंशन का प्रमुख केंद्र बन गया है।
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