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रूस से जल्द भारत आएगी एस-400 मिसाइल की तीसरी खेप, तनाव में चीन

रूस की घातक मिसाइल एस-400 की तीसरी खेप भी जल्द भारत आने वाली है। इससे चीन तनाव में आ गया है। क्योंकि इन मिसाइलों की तैनाती चीन सीमा पर की जा सकती है। इससे पहले भी भारत ने एस-400 प्रणाली की कई मिसाइलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Feb 06, 2023 21:37 IST, Updated : Feb 06, 2023 21:37 IST
एस-400 मिसाइल (फाइल)
Image Source : FILE एस-400 मिसाइल (फाइल)

नई दिल्ली। रूस की घातक मिसाइल एस-400 की तीसरी खेप भी जल्द भारत आने वाली है। इससे चीन तनाव में आ गया है। क्योंकि इन मिसाइलों की तैनाती चीन सीमा पर की जा सकती है। इससे पहले भी भारत ने एस-400 प्रणाली की कई मिसाइलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात किया है। रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने सोमवार को कहा कि रूस जल्द ही भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीसरी खेप की आपूर्ति करेगा।

अलीपोव ने कहा, ‘‘यह आपूर्ति निकट भविष्य में पूरी की जाएगी। मगर यह जल्द ही होगी। दोनों पक्ष सौदे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम निश्चित तौर पर वह करेंगे। इसे कोई नहीं रोक सकता।’’ रूसी राजदूत भारत-रूस संबंधों पर एक सम्मेलन में मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। रूस ने मिसाइल प्रणाली की पहली दो खेप की आपूर्ति कर दी है। यह पूछने पर कि क्या वह यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष खत्म होने में भारत की कोई भूमिका देखते हैं, इस पर अलीपोव ने कहा कि मॉस्को इसे कूटनीतिक तरीके से खत्म करने के लिए किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हमारे विदेश मंत्री कहते हैं कि हम किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार हैं चाहे कोई भी उसकी पेशकश करे। अभी ऐसा कुछ नहीं है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की मानेंगे हर बात

रूस ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध मामले में अगर भारत अधिक सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है तो हम निश्चित तौर पर बहुत ध्यान से भारत को सुनेंगे और हम सभी प्रस्तावों पर बहुत गंभीरता से विचार करेंगे। लेकिन भारत इस बेहद ही जटिल संघर्ष में शामिल होना चाहता है या नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह मुझसे पूछा जाना चाहिए। रूसी राजदूत ने भारत के साथ उनके देश के रक्षा संबंधों को ‘‘अभूतपूर्व’’ बताय। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में टी-90 टैंक, एसयू-30एमकेआई, एके-203 असॉल्ट राइफल और बहुत सारे हथियार तथा उपकरणों का लाइसेंसी उत्पादन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के पूरी तरह अनुरूप है। राजदूत ने कहा, ‘‘सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस पर विशिष्ट संयुक्त उद्यम आदर्श है। रूस और भारत आधुनिक एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली के लिए सौदे समेत सभी समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि भारत ने अक्टूबर 2018 में अमेरिका की चेतावनी के बावजूद रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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