India-Turkey: तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले और बड़ी मदद तुर्की में भेजी थी। ऐसा करने वाला भारत पहला देश था। बचाव अभियान से लेकर चिकित्सा सामग्री तक की मदद की। इस दरियादिली का जवाब तुर्की ने युनाएटेड नेशन में भारत के खिलाफ कश्मीर का विवादित मुद्दा उठाकर दिया। यही नहीं, तुर्की ने पाकिस्तान की तारीफ और भारत की आलोचना की। ऐसे में भारत ने तुर्की की जोरदार आलोचना की और उसे करारा जवाब दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को मध्य एशियाई देश आर्मीनिया की और ज्यादा खुलकर मदद करनी चाहिए जो पाकिस्तान, अजरबैजान और तुर्की के गठजोड़ का डटकर सामना कर रहा है।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि 'भारत को आर्मीनिया को घातक हथियारों से लैस करना चाहिए। इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि आर्मीनिया के खिलाफ अजरबैजान, तुर्की और पाकिस्तान का अभियान केवल नगर्नो-कराबाख तक सीमित नहीं रहेगा। यह बहुत ही खराब हालत में पहुंच सकता है।' आर्मीनिया को भारत ने स्वाती हथियार खोज रडार की आपूर्ति की थी। आर्मीनिया को अब पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम और ट्रक के जरिए ले जाए जाने वाली होवित्जर तोप दी जा रही है। आने वाले समय में भारत की ओर से और ज्यादा घातक हथियारों की आपूर्ति की जा सकती है।
आर्मीनिया को पिनाका लेकर गोला-बारूद दे रहा भारत
दरअसल, भारत और आर्मीनिया के बीच हथियारों का सौदा बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत और आर्मीनिया ने हाल ही में 15 करोड़ 50 लाख डॉलर की तोपों की डील हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत की अजरबैजान की आपत्ति के बाद भी आर्मीनिया को रक्षा मदद जारी रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत आर्मीनिया को पिनाका रॉकेट सिस्टम, एंटी टैंक गोले और कई तरह के घातक गोला बारूद की सप्लाइ कर रहा है। इस तरह से आर्मीनिया भारत में निर्मित पिनाका का पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गया है।
आर्मीनिया के साथ मजबूती से खड़ा है भारत
पिछले साल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आर्मीनिया की यात्रा की थी। भारत न केवल आर्मीनिया के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है, बल्कि ग्रीस के साथ भी अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहा है। ग्रीस के साथ तुर्की का पुराना विवाद चल रहा है और दोनों ही सेनाएं अक्सर आमने-सामने आती रहती हैं।
भारत-ग्रीस दोस्ती से बढ़ेगी एर्दोगान की टेंशन
परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ती दोस्ती को करारा जवाब देने के लिए ग्रीस भारत के साथ सुरक्षा गठजोड़ बनाने पर जोर दे रहा है। तुर्की रूस से एस-400 सिस्टम खरीद चुका है जिससे ग्रीस टेंशन में है। ग्रीस इसके जवाब में फ्रांस से राफेल फाइटर जेट खरीद रहा है जो भारत भी इस्तेमाल करता है। भारत एस-400 के साथ अपने अनुभवों को ग्रीस के साथ साझा कर सकता है, इससे उसे तुर्की के खतरे से निपटने में आसानी होगी।
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