Highlights
- ईरान पुलिस ने हिजाब विरोध कर रही नफाजी की कर दी निर्मम हत्या
- एक अन्य लड़की की पुलिस हिरासत में हो गई थी मौत
- ईरान में हिजाब विरोध में अब तक 41 लोगों की जा चुकी जान
Hijab Protest in Iran: ईरान में हिजाब विरोध कर रही लड़कियों और महिलाओं पर पुलिस क्रूरता की सारी हदें पार कर दे रही है। ताजा मामले में ईरान में हिजाब विरोध की लीडर मानी जा रही हदीस नफाजी को पुलिस ने गोली मार दी। इससे 20 वर्षीय नफाजी की मौत हो गई। हिजाब के विरोध में प्रदर्शन कर रही नफाजी को तेहरान के नजदीक कराज सिटी में पुलिस ने गोली मार दी। इसके साथ ही पुलिस अन्य लड़कियों पर भी क्रूरता की सारी हदें पार कर रही है। उन्हें मारना, घसीटना और बेरहमी से पीटना आम बात हो गई है। इसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है।
कई दिनों से हदीस का एक वीडियो भी वायरल हो रहा था, जिसमें वह हिजाब का मजबूती से विरोध कर रही थी। उसने अपने हिजाब को जला दिया था। साथ ही बाल खोलकर प्रदर्शन कर रही थी। हदीस नफाजी का वीडियो देखने का बाद पुलिस भी खफा थी। बताया जा रहा है कि तेहरान के पास नफाज सिटी में प्रदर्शन करते वक्त वह अचानक पुलिस की नजर में आ गई। इस दौरान नफाजी बिना हिजाब के थी और वह विरोध करते हुए पुलिस के सामने पहुंच गई। फिर रबर बैंड से अपने बालों को सेट करने लगी। इसी दौरान पुलिस ने गोली मारकर नफाजी की निर्मम हत्या कर दी।
पुलिस हिरासत में भी एक अन्य लड़की की हो चुकी है मौत
हदीस नफाजी से पहले पुलिस हिरासत में एक अन्य लड़की की भी मौत हो चुकी है। हिजाब विरोध के चलते पुलिस ने माशा अमीनी को हिरासत में लिया था। उसे तरह-तरह की प्रताड़नाएं भी दी जा रही थीं। इसे देखते हुए प्रदर्शन और तेज हो गया। इसी बीच माशा अमीनी की मौत की खबर ने ईरान में हिजाब आंदोलन को आग की तरह भड़का दिया। माशा की पुलिस हिरासत में मौत होने से ईरान की अन्य महिलाएं आक्रोशित हो गईं। बड़ी संख्या में महिलाएं पुलिस और सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गईं। वह अपने हिजाब को जलाने लगीं और बालों को काटने लगीं। इससे पुलिस और महिलाओं के बीच कई बार सीधे झड़पें हुईं। बावजूद महिलाओं को पुलिस काबू नहीं कर सकी। देखते ही देखते आंदोलन ने विशाल रूप ले लिया। पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन होने लगे। काफी संख्या में पुरुष भी ईरानी महिलाओं के हिजाब विरोध का प्रदर्शन करने लगे।
ईरान में बिना हिजाब सड़क पर निकलना है जुर्म
ईरान में किसी भी महिला को बिना हिजाब पहने सड़क पर निकलना जुर्म है। इसी के खिलाफ लड़कियां और महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि यह तालिबानी आदेश उनकी आजादी में अनावश्यक दखल है, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सकतीं। हिजाब की अनिवार्यता का कानून हटाए जाने की मांग को लेकर ईरान की लड़कियां और महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। अब उनके विरोध का स्वर संयुक्त राष्ट्र तक भी पहुंच चुका है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र भी इस मामले में ईरानी महिलाओं का पक्ष ले रहा है। इससे ईरान सरकार मुश्किल में है।
क्रूरता से कुचला जा रहा महिलाओं की आजादी का आंदोलन
ईरान में महिलाओं की आजादी के इस आंदोलन को पुलिस बलों द्वारा क्रूरता से कुचला जा रहा है। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि देश की सुरक्षा और शांति से खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसके बाद से ही पुलिस अधिक आक्रामक हो गई है। मतलब साफ है कि हिजाब का विरोध करना ईरान सुरक्षा और शांति में दखल मानकर चल रहा है। यही वजह है कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस गोली भी मार रही है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक अब तक हिजाब विरोध में 41 लोगों की जान जा चुकी है।