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ये है Indian Army...जिस ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर से भी नहीं पहुंच सकते दुश्मन, वहां दौड़ेगी जवानों की साइकिल

भारतीय सेना के जवान लद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रे 19,024 फुट की ऊंचाई पर साइकिल दौड़ाते दिखाई देंगे। यह ऐसी जगह है, जहां हेलीकॉप्टर से भी पहुंच पाना मुश्किल होता है, लेकिन भारतीय सेना का दल पूरे जत्थे के साथ 400 किलोमीटर की यात्रा कर इस ऊंचाई तक पहुंचेगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 19, 2023 17:27 IST, Updated : Jun 19, 2023 18:52 IST
साइकिल से भारतीय सेना के जवान (प्रतीकात्मक फोटो)
Image Source : FILE साइकिल से भारतीय सेना के जवान (प्रतीकात्मक फोटो)

लद्दाख में जिन ऊंचाइयों पर हेलीकॉप्टर से भी पहुंचना है दुर्लभ होता है, वहां भारतीय सेना के जवान अब साइकिल दौड़ाते नजर आएंगे। यह सुनने में आपको भले ही हैरतअंगेज लग रहा हो, लेकिन ये सच है। भारतीय जवानों का एक जत्था दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रे 19,024 फुट की ऊंचाई पर साइकिल दौड़ाने के लिए निकल चुका है। यह दल करीब 400 किलोमीटर की यात्रा करके इस हाईट तक पहुंचेगा। भारतीय जवानों का ऐसा साहस देखकर दुश्मन चीन भी हैरान है।

सोमवार को लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर के तत्वावधान में सेना के धनुर्धारी गनर्स द्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रे के लिए साइकिल अभियान को हरी झंडी दिखाई गई। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना और असैन्य उत्साही लोगों वाला यह दल चार दिन में 19,024 फुट की ऊंचाई पर स्थित उमलिंग ला पहुंचेगा और इस तरह 400 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस अभियान को लेह में हॉल ऑफ फेम से कर्नल (सेवानिवृत्त) सोनम वांगचुक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पूरे जोश में भारतीय जवानों के संग कुछ असैन्य दल भी इस गौरवपूर्ण और साहसपूर्ण अभियान का हिस्सा बनकर मिशन के लिए चल चुके हैं।

चीन को कड़ा संदेश

भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिकों, 'वीर नारियों', स्कूली बच्चों और समुदाय के सदस्यों ने अभियान को रवाना करने के लिए आयोजित समारोह में भाग लिया और इस दल के सदस्यों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह अभियान धनुर्धारी गनर्स के धैर्य और शक्ति की सच्ची परीक्षा होगी। यह 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने का एक प्रयास है, जो देशभक्ति की भावना को बढ़ाता है, राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न करता है और फिटनेस को बढ़ावा देता है।’’ वहीं रक्षा जानकारों के अनुसार भारतीय सेना का यह कदम चीन जैसे दुश्मनों के लिए कड़ा संदेश भी है। उन्हें बताने के लिए भी है कि भारतीय सेना जरूरत पड़ने पर साइकिल से भी इतने दुर्लभ रास्ते को नाप सकती है। (भाषा)

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