दुनिया का मौसम बदल रहा है। जहां भारत में बेमौसम बारिश हो रही है, वहीं ठंडे देशों में गर्मी पड़ रही है। ताजा मामला हैरत में डालने वाला है। दुनिया के सबसे ठंडे इलाके साइबेरिया में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने दुनिया को हैरत में डाल दिया है। रूसी क्षेत्र का साइबेरिया का इलाका अपने अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी गर्मी की लहर यानी 'हीटवेव' का सामना कर रहा है। जो तापमान एक सप्ताह पहले दिल्ली में था, वह तापमान अब साइबेरिया में हो गया है। यहां तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है।
3 जून को था साइबेरिया के इतिहास का सबसे गर्म दिन
वैसे तो साइबेरिया को दुनिया में अपनी कठोर ठंडी जलवायु के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार मामला अलग है। मौसम विज्ञानी मैक्सिमिलियानो हेरेरा ने गुरुवार को सीएनएन को बताया कि 3 जून को इतिहास में सबसे गर्म दिन साइबेरिया के जाल्टुरोवोस्क में रिकॉर्ड किया, गया जहां तापमान 37.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं इलाके के बेवो में तापमान 39.6 डिग्री और बरनौल में 38.5 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे बुधवार को गर्मी के कई रिकॉर्ड टूट गए।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव, साइबेरिया का तापमान 40 डिग्री पहुंचा
हरेरा ने सीएनएन को बताया कि इनमें से कुछ स्टेशनों के पास पांच से सात दशकों के तापमान का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है, यह असाधारण है। यह इस इलाके की इतिहास की सबसे खराब गर्मी की लहर है। हेरेरा ने बताया, गुरुवार को फिर से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विज्ञानी कह रहे हैं कि दुनिया में जिस तरह से मौसम बदल रहा है उसका सबसे बड़ा उदाहरण साइबेरिया है। साइबेरिया दुनिया में सबसे तेजी से गर्म होने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इन ठंडे इलाकों में तापमान 40 डिग्री के पार
वैज्ञानिकों के अनुसार, 2020 में हीटवेव के दौरान साइबेरियाई शहर वर्खोयस्क में तापमान 38 डिग्री पहुंच गया था। ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहे क्लाइमेट चेंज के बिना यह लगभग असंभव है। साइबेरिया ही नहीं, कई उन जगहों पर भी रिकॉर्ड गर्मी देखी जा रही है, जहां तापमान बेहद ठंडा रहता है। इनमें बुधवार को चीन में 45 डिग्री, उज्बेकिस्तान में 43 डिग्री और कजाकिस्तान में 41 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।