रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले वैगनर चीफ येवगिनी प्रिगोझिन का पता चल गया है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मंगलवार को कहा कि कैदियों और अन्य भाड़े के सैनिकों के निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन क्रेमलिन के खिलाफ अपने असफल सशस्त्र विद्रोह के बाद बेलारूस पहुंच गए हैं। बेलारूस में प्रीगोझिन (62) के निर्वासन की घोषणा क्रेमलिन ने पहले उस समझौते के हिस्से के रूप में की थी जिसने विद्रोह को समाप्त कर दिया था। लुकाशेंको ने मंगलवार को कहा कि प्रीगोझिन बेलारूस आ गए हैं और वह और उनके कुछ सैनिक अपने खर्च पर "कुछ समय के लिए" बेलारूस में रहेंगे।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वैग्नर द्वारा उसके भारी हथियार रूसी सेना को सौंपे जाने की तैयारी चल रही है। प्रीगोझिन ने कहा था कि ये कदम पहले से चल रहे थे क्योंकि उनके सैनिकों के रूसी सेना की कमान के तहत सेवा करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की समयसीमा एक जुलाई है। रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने निजी सैना के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन के नेतृत्व में सशस्त्र विद्रोह की आपराधिक जांच बंद कर दी है और उनके या उनके सैनिकों के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं। संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि बगावत में शामिल लोगों ने ‘‘अपराध को अंजाम देने के इरादे से की जाने वाली गतिविधियां बंद कर दी हैं’’, इसलिए मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
वैगनर ने कमाए 80 अरब रूबल
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रीगोझिन के स्वामित्व वाले एक संबद्ध संगठन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के लिए आधार तैयार करते प्रतीत हो रहे हैं। उन्होंने एक सैन्य सभा को बताया कि प्रीगोझिन के कॉनकॉर्ड समूह ने सेना को भोजन उपलब्ध कराने के अनुबंध से 80 अरब रूबल कमाए और वैग्नर को पिछले वर्ष वेतन और मजदूरी के लिए 86 अरब रूबल प्राप्त हुए थे। पुतिन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ऐसा करते समय उन्होंने कुछ भी नहीं चुराया या बहुत ज्यादा चोरी नहीं की।" उन्होंने कहा कि अधिकारी कॉनकॉर्ड के अनुबंध पर बारीकी से नजर रखेंगे। प्रीगोझिन द्वारा ऐलान किये जाने के बाद यह बगावत 24 घंट से भी कम समय तक चली थी। यूक्रेन में 16 महीने से जारी युद्ध के बीच रूस की सत्ता पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पकड़ पर सबसे बड़ा खतरा पैदा करने वाली सिलसिलेवार घटनाओं में यह एक नयी कड़ी थी।
बेलारूस न करता हस्तक्षेप तो प्रिगोझिन को हो सकती थी 20 साल की सजा
पुतिन ने प्रीगोझिन द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान के बाद उन्हें और उनकी निजी सेना के लड़ाकों को देशद्रोही करार दिया था। लेकिन पिछले सप्ताहांत ‘वैग्नर’ प्रमुख के मॉस्को कूच की योजना को वापस लिये जाने के बाद क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) ने प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों के खिलाफ कोई अभियोग नहीं चलाने का फैसला किया था। रूस में सशस्त्र विद्रोह करने के आरोप में 20 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर बेलारूस के राष्ट्रपति ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो प्रिगोझिन को यह सजा भुगतनी पड़ सकती थी। (भाषा)
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