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Chinese not safe in Pakistan: पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए हमले को लेकर आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी, जानिए पिछले 5 सालों में कितने Chinese लोगों पर हुआ हमला

Chinese not safe in Pakistan: पाकिस्तान की पुलिस ने कराची के वाणिज्यिक क्षेत्र में चीनी मूल के दंत चिकित्सक दंपति और उनके सहयोगी पर अस्पताल में घुसकर घातक हमला करने के मामले में एक सिंधी विद्रोही गुट सिंधुदेश पीपुल्स आर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: December 14, 2022 23:38 IST
Chinese not safe in Pakistan- India TV Hindi
Image Source : AP Chinese not safe in Pakistan

Highlights

  • साल 2017 में क्वेटा से अगवा करने के बाद चीनी की हत्या कर दी गई थी
  • तीन चीनी इंजीनियर घायल हो गए थे
  • दस चीनी नगारिकों जान चली गई थी

Chinese not safe in Pakistanपाकिस्तान की पुलिस ने कराची के वाणिज्यिक क्षेत्र में चीनी मूल के दंत चिकित्सक दंपति और उनके सहयोगी पर अस्पताल में घुसकर घातक हमला करने के मामले में एक सिंधी विद्रोही गुट सिंधुदेश पीपुल्स आर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक बंदूकधारी ने मरीज के वेश में बुधवार को सदर क्षेत्र स्थित डॉ.रिचर्ड हू ली के दंत अस्पताल में प्रवेश किया और केबिन में जांच के लिए बुलाये जाने पर उसने डॉ.ली, उनकी पत्नी मार्गरेट फेन देयिन और सहायक रोनाल्ड चोव पर गोलीबारी कर दी। हमले में सहायक की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि 76 वर्षीय हू और उनकी 72 वर्षीय पत्नी मार्गरेट घायल हो गईं।

इस संगठन ने जिम्मेदारी ली 

वारताद को अंजाम देने के बाद हमलावर भागने में कामयाब रहा, क्योंकि पास में ही मोटरसाइकिल सवार उसका सहयोगी उसके आने का इंतजार कर रहा था। कराची पुलिस ने इस मामले में प्रतिबंधित संगठन सिंधुदेश पीपुल्स आर्मी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। माना जा रहा है कि हमले करने के लिए यह संगठन सिंधी और बलोच अलगाववादी संगठनों के गठजोड़ से बना है। इस संगठन ने हमले के बाद सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। 

पिछले 50 साल से पाकिस्तान में थे
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) असद रजा ने कहा कि पीड़ितों के पास कनाडा और पाकिस्तान की नागरिकता थी। सिंध के आतंकवाद निरोधक विभाग के राजा उमेर खत्ताब ने कहा कि हमला पूरी तरह टोह लेने के बाद किया गया, क्योंकि चीनी मूल के चिकित्सक देश में पिछले 50 साल से रह रहे थे और वे अब पाकिस्तानी थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमले में मारा गया व्यक्ति उनके देश का नागरिक नहीं था।

चीनी नगारिकों पर हो रहे हैं लगातार हमले
इसी साल अप्रैल के महीने में कराची में आत्मधाती बम धमाके में तीन चीनी नागरिकों की मौत मौके पर हो गई थी। इसे पहले साल 2021 में खैबर पख्तूनख्वा में हुए बम धमाके में दस चीनी नगारिकों जान चली गई थी। वही उसी दिन बम धमाके में 26 अन्य चीनी लोगों की मौत हुई थी। 28 जुलाई 2021 में कराची शहर में ही एक चीनी नागरिक के गाड़ी के ऊपर गोलियां बरसाई की गई थी। अगर इन आकड़ो को देखा जाए तो साल-दर-साल बढ़ते जा रहे हैं। 

होटल पर बोला था हमला 
साल 2019 में भी ग्वादर के पांच सितारा होटल पर हमला हुआ था। उस होटल में कई चीनी लोग रुके थे। इसके बाद साल 23 नवंबर में चीनी वाणिज्य पर हमले से दहल गया, इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। वही 2018 में ही दालबंदीन, बलुचिस्तान में हुए आत्माघाती में तीन चीनी इंजीनियर घायल हो गए थे। साल 2017 में क्वेटा से अगवा करने के बाद चीनी की हत्या कर दी गई थी। 

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