Highlights
- बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों की जांच चौकी को आतंकियों ने बनाया निशाना
- बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से हिंसक विद्रोह का बना हुआ है गढ़
- दिसंबर माह में भी दो बार पुलिस चेक पोस्ट को बनाया था निशाना
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी हमले में 10 सैनिकों की मौत हो गई है। पाकिस्तान के अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के केच जिले में सुरक्षा बलों की एक जांच चौकी पर आतंकवादियों ने हमला किया और 10 सैनिकों को मार दिया। सेना के मीडिया विभाग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि आतंकवादियों ने यह हमला 25-26 जनवरी की रात को किया था। इस हमले में 10 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि सेना की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए। सेना ने तीन आतंकवादियों को पकड़ लिया है। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है।
गौरतलब है कि ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से चल रहे हिंसक विद्रोह का गढ़ बना हुआ है। बलूच उग्रवादी समूहों ने पहले भी इस क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं।
पिछले माह भी भी चेक पोस्ट को बनाया था निशाना
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बीते दिसंबर महीने में भी दो बार केच जिले पुलिस चेक पोस्ट को आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। आतंकियों ने बम से हमला किया था, इसमें दो पाकिस्तान सैनिक मारे गए थे। हमला उस वक्त हुआ था जब चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच चल रही थी।
लगातार हमलों से इमरान सरकार विपक्ष के कटघरे में
लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों को लेकर पाकिस्तान में विपक्ष भी प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को घेरता रहा है। खास बात यह है कि इमरान सरकार ने हाल ही में देश की नई सुरक्षा नीति को मंजूरी दी है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि हाल में लगातार हुए आतंकवादी हमले इमरान खान सरकार की नाकामी का नतीजा हैं। सरकार की सुरक्षा नीति के प्रति असंतोष पाकिस्तान की संसद में भी दिखा। पिछले शुक्रवार को विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला बोला था।
पाक का सबसे अशांत क्षेत्र है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो यहां 103 हमलों के कारण 170 लोगों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में ही सबसे अधिक घायलों की संख्या भी दर्ज की गई है, हमलों में घायल हुए लोगों में से 50 फीसदी से अधिक इसी प्रांत में हमले का शिकार हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा बलूचिस्तान के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है।