Japan-America Missile Deal: उत्तर कोरिया के लगातार खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण से चिंतित जापान अब अपने डिफेंस को और मजबूत बनाने की ओर बड़ा कदम उठा रहा है। जापान अपने दोस्त अमेरिका से बड़ी संख्या मंे खतरनाक मिसाइलें खरीदने जा रहा है। इस खबर से चीन और उत्तर कोरिया की टेंशन बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार जापान ने अपने दोस्त अमेरिका से 400 टॉमहॉक मिसाइलें खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए अमेरिका से बड़ा समझौता किया है। जापान उत्तर कोरिया और चीन जैसे देशों से क्षेत्रीय खतरे से निपटने के लिए यह समझौता अमेरिका से कर रहा है। सैन्य तंत्र को मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत 400 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को खरीदने के लिए गुरुवार को जापान ने अमेरिका के साथ एक एग्रीमेंट पर दस्तखत किए।
सैन्य खर्च करने वाला तीसरा देश बनने की ओर अग्रसर है जापान
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की सरकार ने 2027 तक अपने वार्षिक रक्षा खर्च को दोगुना कर 10 हजार अरब येन यानी 68 अरब अमेरिकी डॉलर करने का संकल्प जताया है। ऐसा होने पर अमेरिका और चीन के बाद सैन्य तंत्र पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला तीसरा देश जापान बन जाएगा।
चीन और उत्तर कोरिया की धमकियों से चिंतित जापान ने उठाया यह कदम
रक्षामंत्री मिनोरू किहारा ने दिसंबर में मूल योजना से एक साल पहले वित्तीय वर्ष 2025 से कुछ टॉमहॉक और जापान निर्मित टाइप 12 सतह से जहाज तक मार करने वाली मिसाइलों की तैनाती में तेजी लाने के निर्णय की घोषणा की थी। सरकार का कहना है कि चीन और उत्तर कोरिया की धमकियों के कारण जापान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपने ‘सबसे गंभीर‘ सुरक्षा माहौल का सामना कर रहा है। इसके कारण उसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अन्य मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना पड़ रहा है। नवंबर में, अमेरिका ने दो प्रकार के टॉमहॉक 200 ब्लॉक 4 मिसाइलों और 200 उन्नत ब्लॉक 5 संस्करणों की 2.35 अरब अमेरिकी डॉलर की बिक्री को मंजूरी दी।
1600 किमी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम
अधिकारियों ने कहा कि इन्हें युद्धपोतों से प्रक्षेपित किया जा सकता है और 1600 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है। खरीद समझौते पर गुरुवार को हुए हस्ताक्षर कार्यक्रम में किहारा और जापान में अमेरिकी राजदूत रेम इमैनुअल ने भाग लिया। किहारा ने कहा कि जापान और अमेरिका ‘बढ़ते गंभीर सुरक्षा माहौल के जवाब में‘ तैनाती में तेजी लाने पर सहमत हुए।