काबुल: तालिबान ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों और विशेषज्ञों को अफगानिस्तान इंटरनेशनल टीवी के साथ काम नहीं करने का निर्देश दिया। यह पहली बार है जब तालिबान ने लोगों से किसी मीडिया संस्थान से सहयोग ना करने को कहा है। ‘अफगानिस्तान इंटरनेशनल टीवी’ का मुख्यालय लंदन में है और यह उपग्रह, केबल और सोशल मीडिया के जरिए देखा जा सकता है।
'कानूनी सीमाओं को लांघ कर रहा है चैनल'
तालिबान नियंत्रित सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि चैनल पेशे की अवहेलना कर रहा है और नैतिक और कानूनी सीमाओं को लांघ कर रहा है। मंत्रालय के प्रवक्ता हबीब गुफरान ने कहा कि मीडिया उल्लंघन आयोग चाहता है कि अफगानिस्तान के सभी पत्रकार और विशेषज्ञ चैनल के साथ अपना सहयोग बंद कर दें। गुफरान ने कहा, “आयोग की कल (बुधवार) हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस मीडिया संगठन की परिचर्चाओं में भाग लेना और सार्वजनिक स्थानों पर प्रसारण करना प्रतिबंधित है।”
चैनल पर नहीं पड़ेगा असर
‘अफगानिस्तान इंटरनेशनल टीवी’ के निदेशक हारुन नजफिज़ादा ने कहा कि इस फैसले से चैनल पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में उसका कोई कर्मचारी नहीं है और ना ही उसके लिए काम करने वाला कोई स्वतंत्र पत्रकार है। नजफिज़ादा ने कहा, “हम अफगान नागरिकों की रिपोर्टिंग पर निर्भर हैं।”
अफगानिस्तान में प्रेस की आजादी का हाल
प्रेस की आजादी के मामले में अफगानिस्तान का प्रदर्शन बेहद खराब है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के नवीनतम सूचकांक में देश को 180 में से 178वां स्थान दिया गया है। पिछले वर्ष यह 152वें स्थान पर था। हास ही में तालिबान ने "राष्ट्रीय और इस्लामी मूल्यों पर विचार करने में विफल रहने" के लिए दो टीवी स्टेशनों को निलंबित कर दिया था।। (एपी)
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