Sunday, December 22, 2024
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तालिबानियों ने रोक दिया संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय मिशन, महिलाओं पर प्रतिबंध से हुआ भारी नुकसान

तालिबान द्वारा महिलाओं की नौकरी पर प्रतिबंध लगाए जाने से संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मिशन को भी करारा झटका लगा है। लाखों लोगों को जीवन रक्षक सहायता पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मिशन को तालिबानियों के इस फैसले ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस मिशन में सैकड़ों अफगानी महिलाएं काम करती थीं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 07, 2023 17:13 IST, Updated : Apr 07, 2023 17:14 IST
संयुक्त राष्ट्र, प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : PTI संयुक्त राष्ट्र, प्रतीकात्मक फोटो

तालिबान द्वारा महिलाओं की नौकरी पर प्रतिबंध लगाए जाने से संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मिशन को भी करारा झटका लगा है। लाखों लोगों को जीवन रक्षक सहायता पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मिशन को तालिबानियों के इस फैसले ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस मिशन में सैकड़ों अफगानी महिलाएं काम करती थीं। मगर उन पर प्रतिबंध लगने से सैकड़ों पुरुषों को भी घर बैठना पड़ गया। इससे संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मिशन में बाधा पहुंची।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि देश में संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मियों पर तालिबान के प्रतिबंध लगाने के फैसले पर विरोध जताने तथा दबाव बनाने के इरादे से बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी 3,330 अफगान पुरुष एवं महिला कर्मी घर पर रहे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान की कार्रवाई पर एक आपात बैठक आयोजित की और उसे अपने फैसले को बदलने के लिए दबाव डाला। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने संयुक्त राष्ट्र के इस आग्रह को दोहराया कि लाखों लोगों को जीवन रक्षक सहायता पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी कर्मचारियों की आवश्यकता है ।

उन्होंने फिर से जोर देकर कहा कि ‘‘अफगान महिलाओं की जगह पुरुषों को नहीं रखा जा सकता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगान महिलाओं की जगह अंतरराष्ट्रीय महिलाओं को भी नहीं लाना चाहता, जिन पर देश में काम करने पर प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक रूप से यह हमेशा बेहतर होता है कि किसी देश के नागरिक अपनी स्थानीय आबादी को सहायता प्रदान करें। संयुक्त राष्ट्र के पास अफगानिस्तान में लगभग 3,900 कर्मचारी है, जिसमें लगभग 3,300 अफगान और 600 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी शामिल हैं। इनमें 600 अफगान महिलाएं और अन्य देशों की 200 महिलाएं भी शामिल हैं। तालिबान प्रतिबंध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक में सदस्यों को अफगानिस्तान के महासचिव के विशेष प्रतिनिधि रोजा ओटुनबायेवा ने जानकारी दी, जिन्होंने बुधवार को तालिबान के विदेश मंत्री, अमीर खान मुत्तकी के साथ वार्ता का नेतृत्व किया, ताकि वे अपने फैसले को वापस लेने का आह्वान कर सकें। रूस के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत वासिली नेबेंजिया, वर्तमान परिषद अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि ‘‘तालिबान द्वारा किए गए निर्णय से हर कोई चकित है।’’ अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट बुड ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन इस प्रतिबंध को ‘‘वस्तुत: अफगान महिलाओं एवं लड़कियों को समाज से काटने के तालिबान के एक और प्रयास के तौर पर देखता है।

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