अफगानिस्तान में तालिबानी शासन ने महिलाओं की जिंदगी नर्क बनाकर रख दी है। महिलाओं को लेकर हर दिन यहां नए-नए फरमान जारी होते रहते हैं। ना उनकों अपने मन से कपड़े पहनने की आजादी है और ना ही कहीं आने-जाने की। यही नहीं अब तो उनकी पढ़ाई पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे हालात में यहां कि महिलाएं और लड़कियां घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं। तालिबान सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
अफगानिस्तान में महिलाएं यूनिवर्सिटी में पढ़ने नहीं जा सकतीं। इस आदेश को सुनने के बाद अफगानिस्तान में रहने वाली सैकड़ों छात्राओं को बड़ा झटका लगा है। इसके खिलाफ यहां कि महिलाएं आवाज तो उठा रही हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में इनके सामने रोने के सिवाय कोई और चारा नहीं है।
अफगानिस्तान की एक बहादुर लड़की ने लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के दमनकारी प्रतिबंध के खिलाफ प्रतिरोध का एक शक्तिशाली संदेश फैलाने के लिए एक दीवार पर #LetHerLearn लिखा है।
शबनम नासिमि ने एक वीडियो शेयर कर लिखा है, ''लड़कियां दर्द से रो रही हैं क्योंकि उन्हें बताया गया है कि उन्हें विश्वविद्यालय छोड़ना होगा और घर जाना होगा क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान में महिला विश्वविद्यालय शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है। सुनकर दुख हुआ। हम कैसे चुपचाप बैठे रह सकते हैं क्योंकि लाखों लड़कियों को उनके मानवाधिकारों से वंचित रखा जाता है।''
वहीं सरकार के इस फरमान का कुछ छात्र भी विरोध करते नजर आ रहे हैं। अब्दुलहक ओमेरी ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें छात्र विश्वविद्यालय से बाहर जाते दिखाई दे रहे हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ''लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंध के विरोध में छात्राओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए नांगरहार विश्वविद्यालय के छात्र परीक्षा छोड़कर जा रहे हैं।''
वहीं तालिबान सरकार के इस फैसले के विरोध में छात्राएं जमकर प्रदर्शन कर रही हैं। लड़कियां ये नारा लगाते हुए सुनी जा रही हैं- ''शिक्षा हमारा अधिकार है! शिक्षा हमारा अधिकार है!''