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Afghanistan Taliban regime:अफगानिस्तानी लड़कियों को पढ़ने से रोक रहा तालिबान, यूएन ने बताया अधिकारों का उल्लंघन

Afghanistan Taliban regime: अफगानिस्तान में तालीबानी आतंकियों का शासन वहां की लड़कियों पर जुल्म ढा रहा है। तालिबान अफगानी लड़कियों के पढ़ने पर पाबंदी लगा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: September 18, 2022 18:38 IST
Taliban- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Taliban

Highlights

  • संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान शासकों से लड़कियों के स्कूल फिर से खोलने का किया आह्वान
  • सातवीं से 12 वीं कक्षा तक लड़कियों के स्कूल पर तालिबानी ताला
  • 50 लड़कियों ने लिखा तालिबान के खिलाफ पत्र

Afghanistan Taliban regime: अफगानिस्तान में तालीबानी आतंकियों का शासन वहां की लड़कियों पर जुल्म ढा रहा है। तालिबान अफगानी लड़कियों के पढ़ने पर पाबंदी लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को अफगानिस्तान के तालिबान शासकों से 7वीं से 12वीं कक्षा की लड़कियों के लिए स्कूल फिर से खोलने का आह्वान करते हुए उच्च विद्यालयों से उन्हें एक साल से बाहर रखने को ‘शर्मनाक’ बताया।

 संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि बुनियादी स्वतंत्रता के हनन समेत अन्य प्रतिबंधों के साथ बनाई गई नीति असुरक्षा, गरीबी और अलगाव के रूप में देश के आर्थिक संकट को और गहरा करेगी। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के कार्यवाहक प्रमुख मार्कस पोटजेल ने कहा कि लड़कियों के स्कूल जाने पर एक साल से जारी रोक बेहद दुखद एवं शर्मनाक है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही कट्टरपंथी तत्व हावी होने लगे। किशोरियों के स्कूल जाने पर रोक है और महिलाओं को घर से बाहर निकलने पर सिर से पैर तक खुद को ढंकना पड़ता है। लड़कियों को कक्षाओं में वापस लाने के लिए तालिबान विभिन्न वादों को पूरा करने में विफल रहा है।

केवल छठीं कक्षा तक पढ़ने की इजाजत

तालिबना का यह प्रतिबंध कक्षा 7वीं-12वीं तक के लिए है और मुख्य रूप से इससे 12 से 18 वर्ष की लड़कियां प्रभावित हुई हैं। तालिबान ने लड़कियों को घर पर रहने का निर्देश देते हुए लड़कों के लिए उच्च विद्यालय फिर से खोल दिए। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पिछले एक साल में दस लाख से अधिक लड़कियों को उच्च विद्यालय में जाने से रोक दिया गया है। अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप विशेष प्रतिनिधि पोटजेल ने कहा, ‘‘लड़कियों को उच्च विद्यालयों से बाहर रखने के निर्णय को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है और दुनिया में ऐसा कहीं नहीं हो रहा। यह लड़कियों की एक पीढ़ी और अफगानिस्तान के भविष्य के लिए बेहद हानिकारक है।

50 लड़कियों ने तालिबान के खिलाफ उठाई आवाज
उच्च विद्यालयों में लड़कियों के प्रवेश पर रोक का एक साल होने पर 50 लड़कियों ने एक पत्र लिखा है। इसका शीर्षक है ‘अंधकार का एक साल: मुस्लिम देशों और दुनिया के अन्य नेताओं को अफगान लड़कियों का एक पत्र।’ पत्र में काबुल, पूर्वी नांगरहार प्रांत और उत्तरी परवान प्रांत की लड़कियां के नाम हैं। काबुल की 11वीं कक्षा की 18 वर्षीय छात्रा आजादी का नाम भी इस पत्र में है। आजादी ने कहा, ‘‘पिछले एक साल में, हमें शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार, काम करने की आजादी, गरिमा के साथ जीने की स्वतंत्रता, कहीं आने-जाने और बोलने, तथा अपने लिए निर्णय लेने के अधिकार जैसे बुनियादी मानव अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।

यूएन ने कहा मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है
 संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि शिक्षा हासिल करने से रोकना लड़कियों और महिलाओं के सबसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। विश्व निकाय ने कहा कि यह लड़कियों के हाशिए पर जाने, उनके खिलाफ हिंसा, शोषण और दुर्व्यवहार के जोखिम को बढ़ाता है तथा यह 2021 की गर्मियों से महिलाओं और लड़कियों को लक्षित करने वाली भेदभावपूर्ण नीतियों व प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला का हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र ने फिर से तालिबान का आह्वान किया कि वह अफगान महिलाओं और लड़कियों को उनके मूल अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने वाले कदमों को वापस ले।

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