Highlights
- 40 लाख अफगानी रुपयों की सहयोग राशि दी
- काबुल में गुरुद्वारा तैयार करने के बीच सुरक्षा के लिए कड़ा किया पहरा
- सालभर पहले सत्ता में आया था तालिबान
Taliban News: अफगानिस्तान तालिबान राज शुरू होने के बाद अराजकता जैसा ही माहौल है। इस कारण दो माह पहले करते परवान गुरुद्वारे पर IS ने हमला किया था। इससे इमारत को काफी नुकसान पहुंचा था। अब तालिबान इसे फिर से बनाने में जुट गया है। इसे फिर से तैयार करने के लिए 40 लाख अफगानी रुपए लगा दिए हैं। साथ ही यहां पहरेदारी भी बढ़ा दी है। दो महीने पहले काबुल के करते परवान गुरुद्वारे पर इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) का हमला हुआ था। जिसमें इस पवित्र इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। 40 लाख अफगानी रुपये की राशि से इस समय अफगान कारीगर दीवारों पर पेंटिंग करने, फर्श की टाइलें बिछाने और मुख्य हॉल को अंतिम रूप दे रहे हैं। जहां गुरु ग्रंथ साहिब को रखा जाएगा।
40 लाख अफगानी रुपयों की सहयोग राशि दी
काबुल में हिंदू-सिख समाज के प्रमुख और गुरुद्वारे को फिर से तैयार करने के काम की निगरानी रामसरन भसीन कर रहे हैं। भसीन ने कहा कि ‘तालिबान के इंजीनियरों सहित उनके कई लोग यहां आए, नुकसान का आकलन किया और हमें पैसे दिए। तालिबान ने 40 लाख अफगानी रुपये की राशि सहयोग के रूप में दी है। साथ ही पुनर्निर्माण को लगभग पूरी तरह से इस्लामिक अमीरात से फंड दिया गया है। हमने कोई फंड नहीं जुटाया है।’
काबुल में गुरुद्वारा तैयार करने के बीच सुरक्षा के लिए कड़ा किया पहरा
भसीन ने कहा कि यह काबुल का सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है। यहां पर तालिबान ने सुरक्षा के लिए कड़ा पहरा कर दिया है। इसे जल्द से जल्द फिर तैयार करना हमारी जिम्मेदारी है। भसीन ने बताया कि अगस्त माह के अंत तक गुरुद्वारा फिर बनकर तैयार हो जाएगा।
सालभर पहले सत्ता में आया था तालिबान,
गौरतलब है कि तालिबान ने एक साल पहले अफगानिस्तान की सत्ता फिर से हथिया ली थी। तब भारतीय नागरिक खासतौर पर सिख समुदाय के लोग भारत या अन्ये देशों की ओर पलायन कर गए थे। करते परवान गुरुद्वारे पर हमला करने के बाद तीन और जत्थों को बाहर निकाला गया।
अफगानिस्तान में भारत ने की है खाद्यान्न की मदद
तालिबान ने शासन करने के बाद भले ही कट्टरपंथी आचरण न छोड़ा हो। लेकिन पहले के तालिबानी शासन के मुकाबले थोड़ा समझदारी से काम करना चाह रहा है। भारत ने भी तालिबान के शासन में अफगानिस्ताना की जनता के लिए खाद्यान्न हाल के समय में उपलब्ध कराया है। साथ ही भारतीय प्रतिनिधियों की बैठक भी तालिबान के साथ हुई है। इस पर पाकिस्तान को चिढ़ भी हुई।