Highlights
- एक महिला ने कहा कि हमें हमारे स्तनों पर और पैरों के बीच में मारा गया।
- एक छात्रा ने कहा कि मेरे कंधे, चेहरे, गर्दन और हर जगह करंट दौड़ाया गया।
- महिलाओं, लड़कियों को तालिबान लड़ाकों से शादी के लिए मजबूर किया गया।
Taliban News: अफगानिस्तान की सत्ता जब तालिबान के हाथों में गई थी तो दुनिया को सबसे ज्यादा इस देश में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति को लेकर ही चिंता हुई थी। अब एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक बयान से उन तमाम चिंताओं को बल मिला है। संस्था के मुताबिक, तालिबान के राज में अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों की हालत बद से बदतर हुई है। तालिबान ने इस वर्ग के शिक्षा, रोजगार और अन्य अधिकारों को कुचलकर रख दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं, अजीबोगरीब नियमों को मानने में जरा सी भी लापरवाही होने पर उन्हें हिरासत में लिया गया और प्रताणित किया गया।
छोटी-छोटी बच्चियों की करवाई जा रही जबरन शादी
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड के मुताबिक अपने शासन के एक साल से भी कम समय में तालिबान ने लाखों महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित, स्वतंत्र और पूर्ण जीवन जीने के अधिकार से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि छोटी-छोटी बच्चियों की जबरन शादी करवा दी जा रही है जिसकी वजह से जन्मदर में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। हाल के दिनों में अफगानिस्तान में अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर अत्याचार की भी तमाम खबरें आई हैं।
‘हमारे स्तनों और पैरों के बीच में मारा गया’
एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली एक महिला ने एमनेस्टी इंटरनेशनल से कहा, ‘हमें हमारे स्तनों पर और पैरों के बीच में मारा गया। उन्होंने हमें ऐसी जगह इसलिए मारा ताकि हम दुनिया को न दिखा सकें। मेरे बगल में चल रहे एक लड़ाके ने मेरे स्तन पर हाथ मारा और कहा, मैं तुम्हें अभी मार सकता हूं और कोई कुछ नहीं कहेगा।’ विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को हिरासत में लेने के बाद भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम रखा गया।
महिलाओं से तालिबान ने समझौते पर साइन करवाया
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस बार में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं से कहा गया था कि यदि वे अपनी रिहाई चाहती हैं तो उन्हें एक समझौते पर साइन करना होगा कि न तो वे कभी किसी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे, और न ही ये बताएंगे कि हिरासत में उनके साथ क्या हुआ। इन महिलाओं को तालिबान के तुगलकी फरमानों की मामूली नाफरमानी के लिए भी हिरासत में लिया गया। यहां तक कि कॉफी शॉप से भी लड़के और लड़कियों को उठाकर लाया गया और जेल में ठूंस दिया गया।
‘मेरे कंधे, गर्दन और चेहरे पर करंट दौड़ाया गया’
यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बताया कि उसे महरम (अभिभावक मर्द) साथ में न होने की वजह से गिरफ्तार किया गया था। छात्रा ने बताया कि तालिबान के सदस्यों ने उसे धमकी दी और मारपीट भी की। उसने कहा, ‘मुझे उन लोगों ने बिजली के झटके दिए। मेरे कंधे, चेहरे, गर्दन और हर जगह करंट दौड़ाया गया।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाओं और लड़कियों को तालिबान के सदस्यों से शादी के लिए मजबूर किया गया। आने वाले दिनों में तालिबान के इस अत्याचार से महिलाओं को मुक्ति मिलेगी, इसकी उम्मीद कम ही है।