Highlights
- प्रतिबंधों के कारण प्राकृतिक संसाधन बेचता है तालिबान
- कोयले के दाम कर दिए 200 डॉलर प्रति टन
- पाकिस्तान को नहीं मिल सका तालिबान के कोयले का लाभ
Taliban Coal News: भारत ने तालिबान को खाद्य सामग्री दी। साथ ही हाल के समय में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल भी अफगानिस्तान में मिलने गया। भारत के इस कदम से चिढ़े पाकिस्तान को अब उसके दोस्त तालिबान ने भी करारा झटका दिया है। दरअसल, महंगी बिजली से परेशान पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान से सस्ता कोयला मंगाना चाहती थी। इसकी भनक लगते ही तालिबान ने कोयले के दाम 30 फीसदी बढ़ा दिए। पाकिस्तान को मजबूरन अपनी जनता को महंगी बिजली देने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा।
पहले भी पाकिस्तान के इस कदम से चिढ़ चुका है तालिबान
तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता हासिल करने के बाद लंबे समय तक अपने दोस्त रहे पाकिस्तान को कई मौकों पर झटका दिया है। दरअसल, पाकिस्तान से लगती अफगानिस्तान की सीमा में पहले तालिबानी आसानी से आते जाते रहते थे। लेकिन पाकिस्तान ने जब तारबंदी की, तो वे भड़क गए। वहीं दूसरी ओर भारत तालिबान को गेहूं और अन्य सामग्री की मदद कर रहा है। इससे पाकिस्तान बुरी तरह चिढ़ा हुआ है।
तालिबान ने पाक से दोस्ती निभाने की बजाय अपना फायदा देखा
उधर, पाकिस्तान ने तालिबान से कोयला मंगाना चाहा, तो अपने दोस्ता पाकिस्तान की मदद करने से पहले तालिबान ने अपना फायदा देखा और कोयले के दाम बढ़ा दिए। दरअसल, पाकिस्तान में इस भारी बिजली कटौती चल रही है जिससे जनता परेशान है और कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान से कोयला लेना चाहती थी।
प्रतिबंधों के कारण प्राकृतिक संसाधन बेचता है तालिबान
इस पर तालिबान ने तर्क दिया कि देश की अर्थव्यवस्था इस समय चौपट है और इसकी वजह यह है कि अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मिल रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि तालिबान की सरकार अपना 30 फीसदी कस्टम ड्यूटी कोयला का निर्यात करके हासिल करती है। तालिबान पर कई प्रतिबंध लगे हैं, इस वजह से वह अब प्राकृतिक संसाधनों की मदद से कमाई बढ़ाना चाहता है।
कोयले के दाम कर दिए 200 डॉलर प्रति टन
तालिबान शासित अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कोयले के दाम को 90 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 200 डॉलर प्रति टन कर दिया है। अफगान मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में कोयले के दाम में बढ़ने की वजह से उन्होंने यह दाम बढ़ाया है। उधर, शहबाज शरीफ उम्मीद लगाए बैठे थे कि अफगानिस्तान से सस्ते कोयले के आयात से 2 अरब डॉलर की बचत होगी।
कंगाली पाकिस्तान को नहीं मिल सका तालिबान के कोयले का लाभ
पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि अच्छी गुणवत्ता वाले इस अफगानी कोयले से न केवल सस्ती बिजली मिलेगी बल्कि देश बहुत जरूरी विदेशी मुद्रा भी बचेगी। लेकिन ऐसा हो न सका। दरअसल, पाकिस्तान कंगाली की हालत से गुजर रहा है। ऐसे में पाक सरकार ने डॉलर की बजाय पाकिस्तानी रुपये में इस कोयला खरीदने को मंजूरी दी थी, ताकि सस्ती बिजली बना सके।