ताइपे: चीन और ताइवान के बीच संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। इस बीच ताइवान के खुफिया ब्यूरो ने कहा है कि चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी ताइवान की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए आपराधिक गिरोहों, शेल (फर्जी) कंपनियों और अन्य संदिग्ध साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। चीन की इस हरकत के चलते द्वीप पर कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ताइवान के खुफिया ब्यूरो ने कहा कि वर्तमान और सेवानिवृत्त ताइवानी सैन्यकर्मी विशेष चिंता का विषय हैं।
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो ने जारी की रिपोर्ट
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो की ओर से सप्ताहांत में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी एजेंटों ने ताइवानी ‘अंडरवर्ल्ड’ का उपयोग करके उन लोगों को धन मुहैया कराने की कोशिश की है जिनके पास बेचने के लिए किसी तरह की जानकारी है। इनमें से कई गिरोह 1949 में दोनों पक्षों के बीच विभाजन से पहले से काम कर रहे हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
अपनाए जाते हैं ये हथकंडे
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा कर्ज देने वाली कंपनियों और फर्जी कंपनियों, धार्मिक संप्रदायों एवं गैर-लाभकारी समूहों की भी तलाश जारी है। कुछ भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किए जाते हैं, जबकि पुराने जमाने के तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि यौन प्रलोभन देकर फंसाना और रहस्य उजागर करने के लिए दबाव डालना। ब्यूरो ने कहा कि इसी तरह का वाकया वन-स्टार जनरल लो सीन-चे के साथ हुआ था, जिन्हें थाईलैंड में तैनाती के दौरान ऐसे ही जाल में फंसाया गया था। (एपी)
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