ताइपे: चीन ने ताइवान पर अपने दावों को लेकर दबाव बनाने की रणनीति के तहत द्वीप के पास 14 युद्धपोत, सात सैन्य विमान और चार गुब्बारे भेजे हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है। चीन ने ऐसे समय में ये सैन्य गतिविधियां की हैं जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की अमेरिका समेत प्रशांत क्षेत्र के सहयोगी देशों की हालिया यात्रा के जवाब में बीजिंग द्वीप के आसपास सैन्य अभ्यास कर सकता है।
ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है चीन
चीन दो करोड़ 30 लाख लोगों की आबादी वाले स्वशासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और ताइवान के साथ अन्य देशों के औपचारिक संबंधों पर आपत्ति जताता है। अमेरिका समेत अधिकतर देश ताइवान को एक देश के रूप में मान्यता नहीं देते लेकिन अमेरिका अनौपचारिक तौर पर ताइवान का प्रमुख समर्थक है और इसे हथियार बेचता है। चीन सरकार ने आवश्यकता पड़ने पर सैन्य बल के माध्यम से ताइवान पर कब्जा करने का संकल्प लिया है और अक्सर द्वीप के पास अपने पोत और सैन्य विमान भेजता है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे के बीच 24 घंटे में 14 युद्धपोत, सात सैन्य विमान और चार गुब्बारे देखे गए। मंत्रालय ने कहा कि इनमें से छह विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया जो ताइवान और चीन का एक अनौपचारिक सीमा क्षेत्र है। मंत्रालय के अनुसार, इनमें से एक गुब्बारा द्वीप के उत्तरी सिरे से होकर गुजरा।
बढ़ा है तनाव
गौरतलब है कि, ताइवान एक स्वशासित द्वीप है और चीन दावा करता है कि वह उसका क्षेत्र है। हाल के वर्षों में इस मुद्दे पर तनाव बढ़ा है। चीन ने ताइवान के आसपास के समुद्री और हवाई क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। अब वह ताइवान के पास सैन्य अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में युद्धक विमान और नौसेना के जहाज भेज रहा है और उसके तट रक्षक गश्त लगाते रहते हैं। (एपी)
यह भी पढ़ें:
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश? अचानक रडार से गायब हुआ था प्लेनरूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन को मिली बड़ी राहत, अमेरिका फिर करेगा एक अरब डॉलर की मदद