ताइपे: चीन और ताइवान के बीच जारी गतिरोध से दुनिया वाकिफ है। चीन ताइवान पर हमला करने की धमकियां देता रहा है। चीन दावा करता है कि ताइवान उसका क्षेत्र है। इस बीच ताइवान के निवर्तमान विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि रूस और चीन एक-दूसरे को अपनी क्षेत्रीय पहुंच बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। वू ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों को उन निरंकुश देशों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए जो उनके अधिकारों और संप्रभुता को खतरे में डालते हैं।
'एक हों लोकतंत्रिक देश'
जोसेफ वू की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब रूस के यूक्रेन पर हमले के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन की यात्रा पर हैं। वू ने यूरोप, दक्षिण चीन सागर और उससे आगे रूस और चीन की सैन्य आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए लोकतंत्रिक देशों से एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, "पुतिन की बीजिंग यात्रा दो बड़े अधिनायकवादी देशों के एक-दूसरे का समर्थन करने, एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने, एक-दूसरे के विस्तारवाद का समर्थन करने का उदाहरण है।"
'यह विनाशकारी होगा'
जोसेफ वू ने एक साक्षात्कार में पश्चिमी शक्तियों से रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन जारी रखने का आह्वान किया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि लोकतंत्रिक देश एक दूसरे की रक्षा करेंगे। वू ने कहा, "अगर अंत में यूक्रेन हार जाता है, तो मुझे लगता है कि चीन को प्रेरणा मिलेगी और वो हिंद-प्रशांत में अपनी शक्ति का विस्तार करने के लिए और भी महत्वाकांक्षी कदम उठा सकता है, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए विनाशकारी होगा।"
दक्षिण चीन सागर में संभावित संघर्ष का खतरा
ताइवान के विदेश मंत्री वू ने दक्षिण चीन सागर में संभावित संघर्ष के खतरे के बारे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह संसाधनो से संपन्न क्षेत्र है। वैश्विक व्यापार के लिए एक प्रमुख मार्ग भी है। ऐसे में चीन अपने कई पड़ोसियों के साथ परस्पर क्षेत्रीय तनाव पैदा कर रहा है। देखने वाली बात यह भी है कि पुतिन और चीन के नेता शी जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी को भी दोहराया है, जो पश्चिमी देशों के साथ उनके बढ़ते तनाव के बीच गहरी हो रही है। (एपी)
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