ताइवान: ताइवान में आज बुधवार सुबह आया भूकंप गत 25 साल में सबसे जोरदार था। इस दौरान ताइवान में भूकंप के इतने तेज झटके महसूस किए गए कि इमारतें झूले की तरह झूलने लगीं। इसमें इमारतें और राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक 9 लोगों की मौत होने की सूचना आ चुकी है। वहीं भूकंप की वजह से 70 खनिक दो पत्थर खदानों में फंस गए हैं और लोगों को क्षतिग्रस्त हुई इमारतों की खिड़कियों से बाहर निकाला गया। इस भूकंप में 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप की तीव्रता आरंभ में 7.2 बताई गई थी। मगर अमेरिकी की रिपोर्ट के अनुसार यह और भी ज्यादा तेज थी।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। इसका केंद्र हुलिएन से दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में जमीन से करीब 35 किलोमीटर नीचे था। राष्ट्रीय संसद भवन और ताइपे के दक्षिण में स्थित मुख्य हवाई अड्डे का एक खंड मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह संसद भवन द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाए गए एक स्कूल में है। पूर्वी तट के पास पहाड़ी क्षेत्र में सुरंगों और राजमार्गों पर भूस्खलन और गिरते मलबे के कारण यातायात लगभग ठप हो गया। पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया और ताइपे में ‘सबवे’ सेवा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। द्वीपीय देश की आबादी 2.3 करोड़ है।
व्यक्ति ने बताई भूकंप की आंखों देखी
ताइपे स्थित पांच मंजिला इमारत में रहने वाले ह्सियेन ह्सुएन केंग ने कहा, ‘‘मैं ऐसे झटकों के साथ बड़ा हुआ हूं, लेकिन आज पहली बार मैं इस भूकंप के झटके से डर कर रोने लगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भूकंप के झटके के साथ मैं उठा। मैंने कभी इतने जोरदार झटके महसूस नहीं किए थे।’’ ताइवान की राष्ट्रीय दमकल एजेंसी ने कहा कि सुबह करीब आठ बजे आए भूकंप में नौ लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अखबार ‘यूनाइटेड डेली न्यूज’ ने खबर दी है कि तारोको राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान से पत्थर गिरने से तीन पैदल यात्रियों की मौत हो गई और इसी इलाके में एक बड़ा सा पत्थर एक वैन पर गिरने से उसके चालक की भी मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 934 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद संचार सेवा प्रभावित होने से एक मिनीबस में सवार होकर राष्ट्रीय उद्यान गए 50 लोगों से संपर्क टूट गया है।
7.4 थी भूकंप की तीव्रता
भूकंप और बाद के झटकों की वजह से भूस्खलन की 24 घटनाएं हुई हैं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हुई हैं। ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। भूकंप के तुरंत बाद द्वीप पर मची अफरा-तफरी जल्द ही सामान्य स्थिति में बदल गई क्योंकि ताइवान में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विद्यालयों और अन्य स्थानों पर लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है और मीडिया व मोबाइल के द्वारा नोटिस भेजा जाता है। भूकंप विज्ञानी और मिसौरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन गाओ ने कहा कि ताइवान की तैयारी दुनिया में सबसे उन्नत है, जिसमें सख्त इमारत निर्माण मानक और एक विश्व स्तरीय भूकंप विज्ञान नेटवर्क शामिल है। दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई और ताइपे के उत्तरी उपनगरीय इलाके बेइतोउ में मेट्रो में भीड़ देखी और लोग काम पर जाते दिखे।
चीन को भी लगे भूकंप के झटके
चीनी मीडिया के मुताबिक भूकंप के झटके चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई और दक्षिण पूर्वी तट पर भी महसूस किए गए। चीन और ताइवान की दूरी करीब 160 किलोमीटर है। वहीं, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप के झटके के 15 मिनट बाद योनगुनी द्वीप पर सुनामी की 30 सेंटीमीटर ऊंची लहर देखी गई है। इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी छोटी लहरें उठीं। हालांकि, बुधवार की दोपहर इलाके में सभी तरह की चेतावनी वापस ले ली गई। हुलिएन में इससे पहले 2018 में भूकंप के झटके आये थे जिनमें 17 लोगों की मौत हुई थी और ऐतिहासिक होटल ध्वस्त हो गया था। ताइवान में हाल के वर्षों में 21 सितंबर 1999 को सबसे भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसमें 2400 लोगों की मौत हो गई थी। करीब एक लाख लोग जख्मी हो गए थे। (एपी)