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Taiwan Crisis: क्या ताइवान को भी यूक्रेन बन देगा अमेरिका, नैंसी पेलोसी ने कहा 'अकेला नहीं छोड़ेंगे'

Taiwan Crisis: ताइवान इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच ठीक उसी स्थिति में है, जैसे कुछ समय पहले तक अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन था। यूक्रेन के साथ क्या हुआ और अमेरिका ने उसमें क्या भूमिका निभाई ये किसी से छिपा नहीं है। अब वही काम अमेरिका ताइवान के साथ कर रहा है।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: August 03, 2022 13:28 IST
Taiwan Crisis- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Taiwan Crisis

Highlights

  • क्या ताइवान को भी यूक्रेन बन देगा अमेरिका
  • नैंसी पेलोसी ने कहा 'अकेला नहीं छोड़ेंगे'
  • यूक्रेन से भी किए थे ऐसे ही वादे

Taiwan Crisis: ताइवान इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच ठीक उसी स्थिति में है, जैसे कुछ समय पहले तक अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन था। यूक्रेन के साथ क्या हुआ और अमेरिका ने उसमें क्या भूमिका निभाई ये किसी से छिपा नहीं है। अब वही काम अमेरिका ताइवान के साथ कर रहा है। ताइवान पहुंची अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका किसी भी कीमत पर ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा और उसके साथ खड़ा रहेगा। आपको याद होगा यूक्रेन के समय भी जो बाइडन इसी तरह के बयान दे रहे थे, लेकिन जब सच में यूक्रेन को अमेरिका की जरूरत हुई तो वह कहीं दिखाई नहीं दिए। 

नैंसी पेलोसी ने क्या कहा

अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि ताइवान की यात्रा पर पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश दे रहा है कि अमेरिका ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटेगा। चीन के विरोध के बावजूद पेलोसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान में कई नेताओं से मुलाकात कर रहा है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ मुलाकात के बाद एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा, ‘‘आज विश्व के सामने लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच एक को चुनने की चुनौती है। ताइवान और दुनियाभर में सभी जगह लोकतंत्र की रक्षा करने को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता अडिग है।’’ ताइवान को अपना क्षेत्र बताने और ताइवान के अधिकारियों की विदेशी सरकारों के साथ बातचीत का विरोध करने वाले वाले चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के मंगलवार रात ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के बाद द्वीप के चारों ओर कई सैन्य अभ्यासों की घोषणा की और कई कड़े बयान भी जारी किए हैं।

यूक्रेन वाली स्थिति में ताइवान

ताइवान के सामने चीन जैसा विशाल देश  है, ठीक उसी तरह जैसे यूक्रेन के सामने रूस था। स्थिति वही है। यूक्रेन के समय चीन रूस के साथ था और आज ताइवान के समय रूस चीन के साथ खड़ा है। जबकि अमेरिका ने पहले यूक्रेन को उकसा कर लड़ाई के लिए तैयार किया और उसे बीच जंग में छोड़ दिया। वही काम अब वह ताइवान के साथ कर रहा है। ताइवान को समझना होगा की अगर युद्ध में अमेरिका उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर नहीं खड़ा हुआ तो वह चीन के सामने चार दिन भी नहीं टिक पाएगा। 

ताइवान की सीमा में चीनी जहाज

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) चीन (China) की धमकियों को दरकिनार करते हुए ताइवान (Taiwan) पहुंच गई हैं, वहीं इससे चीन बुरी तरह बौखला गया है। नैंसी के ताइवान पहुंचते के बाद चीन ने अपनी ताकत दिखानी शुरू की और ताइवान की रक्षा पंक्ति को भेदते हुए उसके 21 फाइटर जेट दक्षिणी पश्चिमी ताइवान के एयर डिफेंस जोन में जा घुसे। हालांकि, इस दौरान टकराव होते-होते बचा। ताइवान की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने चीन की इस हरकत की पुष्टि की है। 

ताकत की नुमाइश कर रहा अमेरिका

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच अमेरिका और इंडोनेशिया ने आपसी संबंधों के और मजबूत होने का संकेत देते हुए बुधवार को सुमात्रा द्वीप में वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया, जिसमें पहली बार अन्य देशों ने भी भाग लिया। जकार्ता में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में बताया कि इस साल इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान और सिंगापुर के 5,000 से अधिक जवान हिस्सा ले रहे हैं। इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत 2009 से हुई थी। इसके बाद से अब तक इस साल इसमें सर्वाधिक संख्या में जवान भाग ले रहे हैं। बयान में कहा गया कि इस सैन्य अभ्यास का लक्ष्य किसी भी अभियान के दौरान तथा मुक्त एवं स्वतंत्र हिंद प्रशांत के समर्थन में आपसी सहयोग, क्षमता एवं विश्वास को मजबूत करना है। 

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