नई दिल्ली: सीरिया में विद्रोहियों की सेना द्वारा बशर अल असद सरकार को अपदस्थ किए जाने के बाद मंगलवार को भारत ने वहां फंसे अपने 75 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक सुरक्षा हालात के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत स्थित दूतावासों ने नागरिकों को वहां से बाहर निकालने की प्रक्रिया पूरी की।
जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन
देर रात जारी बयान में कहा गया, ‘‘भारत सरकार ने सीरिया में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला।’’ इसमें कहा गया, ‘‘निकाले गए लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल हैं, जो सईदा जैनब में फंसे हुए थे। सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं। यहां से इन नागरिकों को कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए भारत लाया जाएगा।"
हालात पर हमारी पूरी नजर: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उसने कहा, ‘‘सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार स्थिति पर नजदीकी नजर बनाए रखेगी। ’’
सीरिया में इजरायल का हवाई हमला
इस बीच इजरायल ने सीरिया में भीषण हवाई हमले किए हैं और उसके सैनिक देश में और अंदर घुस गए हैं। इजरायली रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि उनकी सेना ने सीरिया की नौसेना को नष्ट कर दिया है। इजरायल ने विद्रोहियों द्वारा सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद सीरिया के अंदर ‘बफर जोन’ में घुसने की बात स्वीकार की है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसके सैनिक उस क्षेत्र से आगे गए हैं या नहीं, जिसे 50 साल से भी पहले स्थापित किया गया था। इजरायल ने इस बात से इनकार किया है कि वह सीरिया की राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहा है।
आतंकवादी खतरों से मुक्त रक्षा क्षेत्र
इजरायल ने सीरिया के अंदर लगभग 400 वर्ग किलोमीटर के बफर जोन पर कब्जा कर लिया था, जिसे 1973 के पश्चिम एशिया युद्ध के बाद स्थापित किया गया था। इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने हाइफा में नौसेना अड्डे पर कहा कि सेना ‘‘सीरिया में आतंकवाद को जड़ें जमाने से रोकने के लिए दक्षिणी सीरिया में हथियारों और आतंकवादी खतरों से मुक्त रक्षा क्षेत्र बनाएगी, जिसमें इजराइल की कोई स्थायी मौजूदगी नहीं होगी।’’
300 से ज्यादा हवाई हमले
दमिश्क में रात भर और मंगलवार को शहर और उसके उपनगरों में भारी हवाई हमलों की आवाजें सुनी गईं। दमिश्क पर कब्जा करने वाले हयात तहरीर अल-शम या एचटीएस के नेतृत्व वाले विद्रोही समूहों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। इजरायल ने यह भी कहा कि वह संदिग्ध रासायनिक हथियार स्थलों और भारी हथियारों पर हमला कर रहा है ताकि उन्हें चरमपंथियों के हाथों में पड़ने से रोका जा सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक असद को अपदस्थ करने के बाद से इजराइल ने देश भर में 300 से अधिक हवाई हमले किए हैं। (इनपुट-भाषा)