Japan News: जापान में हाल ही में आए भूकंप के बाद बड़ी संख्या में मलबे में जीवित लोग अभी भी फंसे हुए हैं। इन जीवित मलबे में फंसे लोगों की तेजी से तलाश जारी है। पश्चिमी जापान में आए भूकंप के शक्तिशाली झटकों में कम से कम 73 लोगों की मौत हो चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में कई लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका के बीच बुधवार को बचावकर्मियों ने खोजी कुत्तों की मदद से तलाशी अभियान चलाया।
आज भी महसूस किए गए 4.9 तीव्रता वाले भूकंप के झटके
जापान के इशिकावा प्रांत और आसपास के इलाकों में बुधवार को 4.9 तीव्रता के झटके महसूस हुए। यह सोमवार दोपहर को आये 7.6 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद महसूस किए गए कई झटकों में से एक था। भूकंप का केंद्र टोक्यो से करीब 300 किलोमीटर दूर नोटो के निकट था। भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जिसके बाद कुछ स्थानों पर एक मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की आपदा में, विशेष रूप से शुरुआती 72 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि तीन दिन के बाद किसी के जीवित बचने की संभावना बेहद कम रह जाती है।
'हम नाजुक दौर में हैं', बोले जापानी पीएम
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘40 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। यह समझ लीजिए कि हम एक तरह से समय के साथ दौड़ लगा रहे हैं और मुझे लगता है कि हम एक नाजुक दौर में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें खबरें मिली हैं कि कई लोग अब भी ध्वस्त इमारतों के मलबे में दबे हैं और बचाव का इंतजार कर रहे हैं।’’ राहत अधिकारी प्रभावित लोगों तक पानी, कपड़े, भोजन और अन्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में अब भी पानी, बिजली और फोन सेवाएं बाधित हैं।
जैसे ही घर से बाहर निकले, ढह गया था घर
नाओमी गोनो ने बताया कि जैसे ही वह और उनके बच्चे घर से बाहर निकले उनका घर ढह गया। लेकिन उनके बच्चे ‘‘नानी-नानी’’ चिल्ला रहे थे और गोनो ने देखा कि उनकी मां मलबे में फंसी हुई थीं और उनका केवल हाथ ही दिखाई दे रहा था। गोनो ने बताया कि उन्होंने एक बहुत संकरी सी जगह से उन्हें बाहर निकाल लिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि हम जिंदा हैं, हम अभी डर के साये में जी रहे हैं।’’
हर घर हो गया तबाह, बोले मेयर
यहां के मेयर मासुहिरो इजुमिया ने कहा, ‘‘शायद ही कोई घर सही सलामत बचा हो, घर या तो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या फिर पूरी तरह तबाह हो गये हैं।’’ मौसम विभाग के पूर्वानुमान में इशिकावा में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। भारी वर्षा से भूस्खलन होने की आशंका है। रात में तापमान के लगभग चार डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है।
फैल सकती हैं बीमारियां
इशिकावा के प्रांतीय अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में से 39 लोग वाजिमा शहर के और 23 सुजु शहर के थे। जान गंवाने वाले 11 अन्य आसपास के शहरों से है। भूकंप में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं जिनमें से कम से कम 25 लोगों की हालत गंभीर है। इशिकावा के गवर्नर हिरोशी हासे ने कहा कि संक्रामक रोग फैलने की आशंक को देखते हुए राहत केंद्रों में आश्रय लिये हुये लोगों से मास्क पहनने, एंटीसेप्टिक और साबुन का उपयोग करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों के लिए पीने के पानी की आपूर्ति और शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।