Pakistan Finance Minister on Economic Crisis: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब अल्लाह ही बचा सकते हैं। यह कहना है पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए अल्लाह जिम्मेदार हैं। वही पाकिस्तान को अमीर बना सकते हैं। इशाक डार ने कहा कि देश की समृद्धि और विकास को अल्लाह ही दुरुस्त कर सकते हैं, क्योंकि वही उसके जिम्मेदार हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा कि पाकिस्तान तरक्की करेगा और अल्लाह देश को एक दिन अमीर बनाएंगे। अल्लाह ही देश को तरक्की के पथ पर ले जाएंगे।
वित्त मंत्री के इस बयान को पाकिस्तान में अलग-अलग तरीके से लिया जा रहा है। विपक्ष जहां पाकिस्तान के मौजूदा हालात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसको फेलियर बता रहा है तो वहीं जनता भी मौजूदा हुकूमत से नाखुश है और बदहाली के लिए उसे ही जिम्मेदार बता रही है। बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान लगभग दिवालिया हो चुका है। वहां लोगों के लिए दो रोटी के लाले पड़े हैं। खाने के लिए आटा, दाल और चावल तक नसीब नहीं है। आटे के लिए पाकिस्तानी लोग एक दूसरे से लड़ रहे हैं। सब्सिडी वाले आटे को एक दूसरे के हाथ से छीनकर खाना पड़ रहा है। आटा छीनने के कई वीडियो भी वायरल हो चुके हैं। इससे पाकिस्तान की बदहाली को समझा जा सकता है।
बिजली भी दे रही झटका
गरीबी और भूख से बिलख रहे पाकिस्तान को बिजली भी झटका दे रही है। महंगी बिजली और भारी डिमांड के चलते पाकिस्तान इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इससे कई बार पावर ग्रिड फेल हो चुका है। ब्लूचिस्तान, सिंध प्रांत के साथ लाहौर और कराची में ब्लैकआउट हो चुका है। अभी भी पाकिस्तान में सभी जगह बिजली बहाल नहीं हो सकी है। बिजली संकट से लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी हराम हो गई है। उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। कारोबार भी पूरी तरह ठप हो चुका है।
वित्तमंत्री ने बिना नाम लिए बदहाली के लिए इमरान को बताया जिम्मेदार
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बिना नाम लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि 5 साल पहले शुरू हुआ नाटक मौजूदा बदहाली के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से 2017 के दौरान नवाज शरीफ के कार्यकाल में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में थी। मगर इसके बाद नाटक शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार इसे ठीक करने की कोशिश कर रही है। हालांकि पाकिस्तान को कोई कर्ज देने को तैयार नहीं है। इससे उसका रास्ता मुश्किल होता जा रहा है।
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