Thursday, November 21, 2024
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रूस-यूक्रेन युद्ध की फांस से लौटे मोहम्मद सूफियान ने अदा किया PM मोदी का शुक्रिया, जंग को बताया बहुत भयानक

रूस-यूक्रेन युद्ध से सुरक्षित स्वदेश लौटे मोहम्मद सूफियान ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है। उसने कहा कि उसे अब भी यह यकीन नहीं हो रहा कि वह स्वदेश लौट आया है। सूफियान ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बहुत भयावह बताया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 14, 2024 18:55 IST
रूस-यूक्रेन जंग से लौटा मोहम्मद सूफियान।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA रूस-यूक्रेन जंग से लौटा मोहम्मद सूफियान।

हैदराबादः रूस की सेना में मर्जी के बगैर भर्ती किए गए भारतीय युवकों में तेलंगाना निवासी मोहम्मद सूफियान भी शामिल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद रूसी सेना में अवैध तरीके से भर्ती किए गए 45 युवक वापस स्वदेश आ गए हैं। मोहम्मद सूफियान ने सुरक्षित स्वदेश आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। सूफियान महीनों तक यूक्रेन-रूस की युद्धग्रस्त सीमा पर फंसे रहने के बाद वापस लौट सका है। तेलंगाना के 22 वर्षीय युवक सूफियान ने बताया कि उसे वापसी की बिलकुल उम्मीद नहीं थी। उसने स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी और केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया।

मोहम्मद सूफियान ने कहा, ‘‘मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं घर लौट आया हूं। वहां जारी युद्ध के भयावह दृश्य अभी भी मेरे जहन में ताजा हैं।  सूफियान यूक्रेन के साथ युद्ध में रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा था और शुक्रवार रात वह सुरक्षित घर लौट आया। सूफियान तेलंगाना के नारायणपेट जिले का निवासी है। उसने वापसी में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तेलंगाना सरकार और मीडिया को धन्यवाद दिया। सूफियान ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि मुंबई स्थित एक रोजगार एजेंट ने उसे सुरक्षाकर्मी की नौकरी देने का वादा किया था, जिसके बाद वह दिसंबर 2023 में चेन्नई और दुबई के रास्ते रूस पहुंचा।

सूफियान ने बताया युद्ध का आंखों देखा हाल

सूफियान ने बताया कि उसे रूस-यूक्रेन सीमा पर ले जाया गया और वहां प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद उसे वाहनों में सामान भरने और बंकर बनाने जैसे काम सौंपे गए। सूफियान और उसके जैसे अन्य लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें गुमराह किया गया है, लेकिन वे मुख्य एजेंट से संपर्क स्थापित नहीं कर सके। सूफियान ने बताया कि उसे अग्रिम मोर्चे के करीब तैनात किया जाया गया, जहां युद्ध के कारण उसे रात को नींद नहीं आती थी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। सूफियान ने बताया कि बाद में जब उसने अपनी समस्या सुनाई, तो उसे अग्रिम मोर्चे से करीब 60 किलोमीटर दूर रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी क्षेत्र में एक ‘ग्रीन जोन’ में स्थानांतरित कर दिया गया।

सूफियान ने कहा, ‘‘हम आठ महीने तक जंगल में रहे। केंद्र सरकार ने मॉस्को से दिल्ली पहुंचने के लिए हवाई टिकट की व्यवस्था की।’’ सूफियान के परिवार ने इस साल जुलाई में बातचीत के दौरान उम्मीद जताई थी कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के बाद उनका बेटा घर लौट आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष रूसी सेना के साथ ‘सहायक कर्मी’ के तौर पर काम कर रहे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द वापस भेजने के मुद्दे को ‘बहुत मजबूती’ के साथ उठाया था, जिसके बाद पुतिन ने इस मांग पर सहमति जताई थी। (भाषा)

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