France on Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। अब तक इस लड़ाई में 2800 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। इसी बीच अब ये मामला दुनिया के कई देशों तक पहुंच चुका है। कई देश इजराइल के कदम को सही ठहराकर उसके साथ खड़े हैं। वहीं कई देश फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने पर एक देश ने रोक लगा दी है। इस देश के राष्ट्रपति ने एक बड़ी अपील भी की है।
छोड़े आंसू गैस के गोले, पानी की बाछारें डालीं
फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर हमला करने के बाद से यहूदी विरोधी घटनाओं के बढ़ने के मद्देनजर फ्रांस के गृहमंत्री ने स्थानीय अधिकारियों को सभी फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने का गुरुवार को आदेश दिया। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांसीसी लोगों से अपील की है कि वे पश्चिम एशिया में चल रहे युद्ध का असर अपने देश पर नहीं पड़ने दें। मैक्रों की ओर से पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के बारे में राष्ट्र को संबोधित करने से ठीक पहले पेरिस की पुलिस ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर पानी की बौछारें डाली।
राष्ट्रपति मैक्रों ने की ये बड़ी अपील
इन लोगों ने प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए इजराइल की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। अपने संबोधन में मैक्रों ने कहा, ‘हमें वैचारिक जोखिम यहां(फ्रांस) नहीं लाना चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय मतभेदों में राष्ट्रीय विभेद नहीं जोड़ें। हमें एकजुट रहना चाहिए।’ माना जा रहा है कि हमास ने कई फ्रांसीसी-इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया है। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस अपने यहूदी नागरिकों की रक्षा करेगा। साथ ही उन्होंने फ्रांस में रहने वाले मुसलमान समुदाय के लोगों के प्रति बढ़ते शत्रुता के भाव को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
यहूदी स्कूलों के आसपास सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश
गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने बृहस्पतिवार को स्थानीय प्रशासन को यहूदी स्कूलों, प्रार्थनास्थलों और अन्य स्थानों के आसपास सुरक्षा को और मजबूत करने का निर्देश दिया। निर्देश में कहा गया है कि फलस्तीन के समर्थन में होने वाले प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और जो लोग प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।