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बांग्लादेशियों ने भुला दी आजादी! पाकिस्तान के लिए उमड़ा प्रेम, 1971 में पाक सेना के सरेंडर वाले स्मारक को किया ध्वस्त

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। 1971 में पाकिस्तान की सेना ने भारतीय फौज के सामने सरेंडर किया था। बांग्लादेश में इस एतिहासिक घटना को लेकर स्मारक बना था जिसे उपद्रवियों ने ध्वस्त कर दिया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published on: August 12, 2024 13:59 IST
Bangladesh Pak Army Statues 1971 Surrender Destroyed- India TV Hindi
Image Source : SHASHI THAROOR (X) Bangladesh Pak Army Statues 1971 Surrender Destroyed

Bangladesh Shaheed Memorial Complex Destroyed: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं वो बेहद डराने साथ ही चौंकाने वाले भी हैं। एक तरफ जहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है तो वहीं बांग्लादेश में कुछ ऐसे भी अराजक तत्व हैं जिनका पाकिस्तान के प्रति प्रेम उमड़ पड़ा है। ऐसे अराजक तत्व अपनी आजादी की लड़ाई को भूल चुके हैं उससे जुड़ी निशानी को भी मिटाने पर तुल गए हैं। हिंसा की खबरों के बीच एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई है जो राष्ट्रप्रेमी बांग्लादेशी लोगों का दिल तोड़ देगी।

बांग्लादेश में अराजकता

बांग्लादेश में उपद्रवियों ने मुजीबनगर में 1971 के शहीद स्मारक स्थल पर मौजूद कई मूर्तियों को तोड़ दिया है। इस दौरान उस स्मारक को भी तहस-नहस कर दिया गया है, जिसमें 1971 की जंग में पाकिस्तान को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करते दिखाया गया था। 1971 का यह लम्हा बांग्लादेश के लिए ऐतिहासिक था, यह उनकी आजादी की तारीख है। 1971 के युद्ध ने ना केवल बांग्लादेश को आजाद कराया था बल्कि पाकिस्तान के बांग्लादेशियों पर किए जा रहे जुल्म का भी अंत था।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जताई चिंता

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में हो रही इस तरह की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। शशि थरूर ने सोशल मीडिया मंच (एक्स) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मुजीबनगर में स्थित 1971 के शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स में स्थापित मूर्तियों को भारत विरोधी उपद्रवियों ने तोड़ दिया है। यह घटना कई स्थानों पर भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों, मंदिरों और हिंदू घरों पर हुए अपमानजनक हमलों के बाद हुई है, जबकि ऐसी खबरें भी आई हैं कि मुस्लिम नागरिक अन्य अल्पसंख्यकों के घरों और पूजा स्थलों की रक्षा कर रहे हैं।" 

शशि थरूर ने आगे लिखा, "कुछ आंदोलनकारियों का एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट है। यह जरूरी है कि मोहम्मद यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार सभी बांग्लादेशियों, हर धर्म के लोगों के हित में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए। भारत इस अशांत समय में बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है, लेकिन इस तरह की अराजकता को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"

तोड़ा गया एतिहासिक स्मारक

बता दें कि, बांग्लादेश में जिस एतिहासिक स्मारक को तोड़ा गया है उसमें पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी सरेंडर करते दिखाए गए थे। नियाजी ने भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी के सामने आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। नियाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारत की पूर्वी कमान के तत्कालीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण किया था।

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