श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल किया है। इस फेरबदल के अनुसार उन्होंने अपने दो मंत्रियों के प्रभार बदले। उधर, विपक्षी दल उनकी आलोचना कर रहे हैं कि नकदी संकट के बीच सरकार अगले साल होने वाले चुनावों को स्थगित करने की प्लानिंग कर रही है। लेकिन रानिल विक्रमसिंघे ने आलोचकों की बातों को दरकिनार करते हुए मंत्रीमंडल में फेरबदल किया है।
रामबुकवेला के खिलाफ लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेला को पर्यावरण मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। 69 वर्षीय रामबुकवेला के खिलाफ श्रीलंका की संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि, प्रस्ताव खारिज होने के कारण रामबुकवेला को पद से इस्तीफा नहीं देना पड़ा। विपक्षी पार्टियों ने स्वास्थ्य मंत्री के आचरण पर सवाल खड़ा करते हुए अक्षमता, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन जैसे आरोप लगाए थे।
भारत की कंपनी पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के आरोप
स्वास्थ्य मंत्रालय अब उद्योग मंत्री रमेश पथिराना के अधीन कर दिया गया है। पथिराना एक डॉक्टर भी हैं। बता दें कि रामबुकवेला ने एक पखवाड़े पहले एक भारतीय कंपनी की तरफ से कथित तौर पर घटिया दवा की आपूर्ति के मामले में पुलिस जांच का आदेश दिया था। हालांकि, भारतीय कंपनी ने श्रीलंका में ऐसी किसी भी दवा की आपूर्ति से इनकार कर दिया था।
विक्रमसिंघे के पास था पर्यावरण मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्री के अलावा पर्यावरण मंत्रालय में भी फेरबदल किया गया है। पर्यावरण मंत्रालय खुद राष्ट्रपति विक्रमसिंघे संभाल रहे थे। हालांकि, श्रीलंका की अदालत के आदेश के बाद उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कैबिनेट में मामूली फेरबदल की पहल विक्रमसिंघे ने ऐसे समय में की है, जब विपक्ष ने आलोचना की है कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे अगले साल होने वाले श्रीलंका के प्रमुख चुनावों को स्थगित करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, विक्रमसिंघे ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव संवैधानिक शर्तों के अनुसार अगले साल ही कराए जाएंगे। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।