Exports Increased in India Despite Global Recession: वैश्विक मंदी से भारत के पड़ोसी श्रीलंका और पाकिस्तान कंगाल हो चुके हैं। चीन की आर्थिक हालत भी पतली चल रही है। इस वक्त चीन 40 वर्ष की सबसे बड़ी मंदी की आग में झुलस रहा है। वहीं यूरोप के धनाढ्य देश ब्रिटेन, जर्मनी इत्यादि की हालत भी बदतर है। अब अमेरिका की इकोनॉमी भी डगमगाने लगी है। इस बड़ी वैश्विक मंदी के बावजूद भारत ने 300 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात कर डाला है। भारत सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले कुछ दिनों में सिर्फ सेवा निर्यात 300 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा। जबकि कुल निर्यात अभी 332 डॉलर पहुंच चुका है। इससे दुनिया में भारत की उभरती अर्थव्यवस्था की ताकत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। आज पूरी दुनिया यह मानने को मजबूर हो गई है कि करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की इकोनॉमी ऊंची छलांग लगा रही है। जबकि दुनिया डूब रही है।
हाल ही में वैश्विक निर्माताओं ने भी अनुमान लगाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में यह मजबूती वर्ष 2014 में पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए "मेक इन इंडिया" अभियान के बाद देखने को मिल रही है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश का सेवा निर्यात क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में सेवाओं के निर्यात में करीब 20 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। अगले कुछ दिनों में भारत का कुल सेवा निर्यात 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार कर जाएगा।
वैश्विक मंदी को मात दे रहा हिंदुस्तान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वस्तुओं के निर्यात की बात की जाए तो यह क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। जबकि दुनिया में मंदी, मुद्रास्फीतिक दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों से बुरा हाल है। इसके बावजूद भारत में वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब दबावों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले 9 माह अप्रैल-दिसंबर में देश का निर्यात नौ प्रतिशत बढ़ा है। गोयल ने कहा, ‘‘सेवाओं की बात करें, तो हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। सेवाओं के मामले में हम निर्यात में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेंगे।
इसके बाद हम 300 अरब डॉलर के सेवा निर्यात के लक्ष्य को पार कर लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों तथा दुनिया के प्रत्येक हिस्से से दबाव की खबरों के बीच कुल मिलाकर यह एक बहुत ही संतोषजनक साल होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के संरचनात्मक सुधारों तथा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। अप्रैल-दिसंबर 2022-23 के दौरान कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर हो गया। जबकि आयात 24.96 प्रतिशत बढ़कर 551.7 अरब डॉलर रहा है।
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