Highlights
- 'हम श्रीलंका की मदद करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे'
- विदेश मंत्री एस जयशंकर का श्रीलंका पर आया बयान
- सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं श्रीलंका के लोग
Sri Lanka News: श्रीलंका क्राइसिस को लेकर भारत के विदेश मंत्री का बयान आया है। अपने बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत अपने पड़ोसी देश श्रीलंका की मदद हमेशा करता आया है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने शरणार्थी संकट के मुद्दे पर भी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है। यह बयान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारो से बात करते हुए दिया।
दरअसल एस जय शंकर फिलहाल तीन दिनों के लिए केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचे हैं। एस जयशंकर ने श्रीलंका की स्थिति को लेकर कहा कि हमे इंतजार करना होगा और देखना होगा कि श्रीलंका क्या करता है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका अभी अपनी समस्याओं के माध्यम से काम कर रहा है।
गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है श्रीलंका
भारत का पड़ोसी श्रीलंका बर्बादी की कगार पर है। यह मुल्क अब गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है। एक तरफ जहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास के एक हिस्से में आग लगा दी। अब हालात कुछ ऐसे हैं कि राष्ट्रपति किसी अज्ञात स्थान पर फरार हो चुके हैं और 13 जुलाई को इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
खाने-पीने का सामान भी हुआ महंगा
श्रीलंका में पिछले कुछ दिनों में खाने-पीने का सामान भी काफी महंगा हुआ है। मिसाल के तौर पर जुलाई 2021 में एक किलो चावल की कीमत 155 श्रीलंकाई रुपये थी जो जुलाई 2022 में बढ़कर 240 हो गई। पिछले साल तक एक किलो साल्या मछली की कीमत 350 रुपये थी जो अब 820 रुपये किलो बिक रही है। एक किलो चीनी 120 से 350 पर, एक किलो सेब 80 रुपये से 200 पर पहुंच गया है। एक लीटर दूध खरीदने के लिए लोगों को 300 रुपये से ज्यादा चुकाना पड़ रहा है, जबकि पेट्रोल 550 रुपये लीटर है। ऐसे में लोगों का गुस्सा भड़कना स्वाभाविक ही है।
सड़कों पर उतर आई देश की जनता
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया था। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के साथ-साथ प्रधानमंत्री के भी इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिससे विक्रमसिंघे पर दबाव बढ़ गया था। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह सभी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। बता दें कि शनिवार को रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।