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Sri Lanka News: प्रदर्शनकारियों के सामने झुके श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे

Sri Lanka News: श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास में हमला कर अपने कब्जे में ले लिया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे आवास छोड़कर भाग गए थे। आखिरकार अब वह प्रदर्शनकारियों के सामने झुक ही गए।

Reported By : T. Raghavan Written By : Pankaj Yadav Updated on: July 10, 2022 6:16 IST
Gotbaya Rajpaksha- India TV Hindi
Gotbaya Rajpaksha

Highlights

  • राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को देंगे अपने पद से इस्तीफा
  • प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आवास पर हमला बोला था
  • आर्थिक संकटों से जूझ रहे श्रीलंका की हालत खराब

Sri Lanka News: श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के शासन का अंतिम दौर आ गया है। राजपक्षे परिवार में गोटबाया को छोड़कर बाकी सबने इस्तीफा दे दिया था। आज के प्रदर्शन के बाद गोटबाया राजपक्षे ने भी इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। 13 जुलाई को गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देंगे। श्रीलंका के स्पीकर महिंदा यापाबेवर्दना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की घोषणा की है कि 13 जुलाई को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना इस्तीफा सौंप देंगे। स्पीकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में यह तय किया गया है कि राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद अगले 30 दिन तक स्पीकर ही देश के राष्ट्रपति होंगे। श्रीलंका में चुनाव होने तक एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार काम करेगी। नए राष्ट्रपति का चुनाव संसद में सांसद करेंगे।

सड़कों पर उतर आई देश की जनता

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया था। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के साथ-साथ प्रधानमंत्री के भी इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिससे विक्रमसिंघे पर दबाव बढ़ गया था। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह सभी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। बता दें कि शनिवार को रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

विक्रमसिंघे ने बुलाई थी पार्टी की बैठक

इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जनता के प्रदर्शन से देश में पैदा हुए संकट पर चर्चा करने के लिए शनिवार को राजनीतिक दल के नेताओं की तत्काल बैठक बुलायी। विक्रमसिंघे के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने पार्टी की तत्काल बैठक बुलायी थी और स्पीकर से तत्काल संसद का सत्र बुलाने की अपील की थी। बता दें कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण मई में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद विक्रमसिंघे पीएम बने लेकिन फिर भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ा।

राष्ट्रपति आवास में घुसे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में बैरिकेड्स को हटा दिया और राष्ट्रपति आवास में घुस गए। सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 2 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोग घायल हो गए। कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथ में श्रीलंका का राष्ट्रीय ध्वज और हेलमेट थे। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर फोर्ट इलाके में एकत्र हुए थे। प्रदर्शनकारी देश में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है।

गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है श्रीलंका

1948 में ब्रिटेन से आजादी के मिलने बाद से 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से निपटने के लिए उसे कम से कम 400 करोड़ डॉलर की जरूरत है। इस बीच, श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने शुक्रवार को देश की सेना और पुलिस से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिंसा कोई जवाब नहीं है अराजकता और बल प्रयोग से अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होगी या राजनीतिक स्थिरता नहीं आएगी, जिसकी अभी श्रीलंका को जरूरत है।’

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