Highlights
- विक्रमसिंघे ने श्रीलंका की संसद में दिए बयान में भारत को कहा शुक्रिया
- 4 अरब डॉलर की मदद दे चुका है भारत
- श्रीलंका में पिछले माह बेकाबू हो गए थे हालात, लगाई गई थी इमरजेंसी
श्रीलंका हाल के समय में अपने सबसे बुरे वक्त से गुजर रहा है। आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुके श्रीलंका की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों में बवाल आ गया। इस बवाल के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति की शपथ हाल ही में ली। अब उन्होंने अपने पड़ोसी देश भारत को मुश्किल वक्त में की गई मदद के लिए शुक्रिया जताया है। रानिल ने बुधवार को संसद में दिए गए संबोधन में कहा कि श्रीलंका अपने सबसे मुश्किल समय से गुजर रहा है। ऐसे में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने हमें जो जीवनरक्षक सांसें दी हैं, उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।
विक्रमसिंघे ने श्रीलंका की संसद में दिए बयान में भारत को कहा शुक्रिया
सात दिन ठप रहने के बाद श्रीलंकाई संसद में बुधवार को काम हुआ। इस दौरान रानिल ने स्पीच दी। कहा- दुनिया हमारे हालात से वाकिफ है। कई देशों और संगठनों ने हमारी मदद की है, लेकिन मैं यहां भारत का जिक्र खास तौर पर करना चाहूंगा। हमें जो मदद भारत से मिली, वो बेमिसाल है। भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी है। ऐसे वक्त जबकि हम फिर अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं तो भारत साथ है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने आगे कहा- प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप में भारत ने हमारी बहुत मदद की।
4 अरब डॉलर की मदद दे चुका है भारत
इस साल जनवरी से अब तक भारत सरकार श्रीलंका को करीब 4 अरब डॉलर की मदद दे चुकी है। इसमें फ्यूल, कैश रिजर्व और फूड आयटम्स शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार श्रीलंका को अब भी 5 अरब डॉलर की जरूरत है। इसके लिए 2 करोड़ 20 लाख की आबादी वाला देश अब धीरे धीरे आर्थिक रूप से पटरी पर लौट रहा है।
श्रीलंका में पिछले माह बेकाबू हो गए थे हालात, लगाई गई थी इमरजेंसी
गौरतलब है कि पिछले माह श्रीलंका में हालात बेकाबू हो गए थे। गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने की खबर लगते ही जनता सड़क पर उतर गई थी। तब कोलंबो में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में सैन्य कर्मियों की तैनाती की गई। मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। इसके बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई। उधर, देश की जनता को भूखा छोड़ श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) देश छोड़कर फरार हो गए। पहले मालदीव और वहां से वे विशेष विमाना से सिंगापुर चले गए।