Highlights
- अमेरिका ने श्रीलंका के नेताओं से आर्थिक एंव राजनीतिक स्थिरता लाने की बात कही
- शनिवार को पर्दर्शनकारी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे
- लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना आवास छोड़कर भागना पड़ा
Sri Lanka News: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अब अमेरिका ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। अमेरिका ने श्रीलंका के शीर्ष नेताओं को देश में आर्थिक और राजनीतिक समाधान के लिए जल्द काम करने को कहा। साथ में अमेरिका ने श्रीलंका के नेताओं से वहां के लोगों के असंतोष को दूर करने के लिए कहा। बता दें कि अमेरिका का यह सलाह उस वक्त आया है जब श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शनिवार को मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे। संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेयवर्धने ने शनिवार रात को कहा कि राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे, जबकि प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे पहले ही देश में सबसे खराब आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।
जल्द से जल्द अपना नेता चुनें और लोगों को मूलभूल सुविधाएं मुहैया कराएं
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि अमेरिका ‘‘श्रीलंका की संसद से किसी एक राजनीतिक दल की नहीं बल्कि राष्ट्र की बेहतरी की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करता है।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इस सरकार या किसी भी नई, संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार से उन समाधानों की पहचान करने और उन्हें लागू करने के लिए शीघ्रता से काम करने का आग्रह करते हैं जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेंगे और बिजली, भोजन और ईंधन की कमी सहित बिगड़ती आर्थिक स्थितियों पर श्रीलंकाई लोगों के असंतोष को दूर करेंगे।’’
श्रीलंका में हुए हिंसा को लेकर अमेरिका ने की निंदा
अमेरिका ने प्रदर्शनकारियों या पत्रकारों पर हमलों के खिलाफ चेतावनी दी, लेकिन शनिवार की हिंसा की भी आलोचना की। राष्ट्रपति राजपक्षे फिलहाल कहां है इसकी जानकारी नहीं है और ऐसा माना जा रहा है कि 73 वर्षीय नेता भारी भीड़ के आने से पहले घर से निकल गए थे। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने विक्रमसिंघे को भी नहीं बख्शा। प्रदर्शनकारियों का एक समूह उनके निजी आवास में घुस गया और आग लगा दी। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रीलंका के लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने का अधिकार है और हम किसी भी विरोध-संबंधी हिंसक घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच, गिरफ्तारी और मामला चलाने की मांग करते हैं।