Friday, November 22, 2024
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श्रीलंका ने निभाई दोस्ती, चीनी नेवी के जहाज को रुकने की नहीं दी अनुमति, श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कही बड़ी बात

चीन के रिसर्च जहाज को श्रीलंका ने अपने पोर्ट पर रुकने की फिलहाल कोई इजाजत नहीं दी है। इस बात का खुलासा खुद श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने किया है। भारत ने इस रिसर्च जहाज के श्रीलंका के पोर्ट पर तीन महीने रुकने को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था। दरअसल, चीनी रिसर्च जहाज रिसर्च के नाम पर जासूसी करते हैं।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 26, 2023 12:43 IST
श्रीलंकाई विदेश मंत्री - India TV Hindi
Image Source : ANI श्रीलंकाई विदेश मंत्री

Sri Lanka on China Research Ship: श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने चीन के जहाज को श्रीलंका में रुकने की इजाजत नहीं दी है। अली साबरी ने चर्चा में स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत की चिंताएं श्रीलंका के लिए मायने रखती हैं। श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि 'जहां तक मुझे जानकारी है, हमने चीनी जहाज को अक्टूबर में श्रीलंका आने की इजाजत नहीं दी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी, जो कि सही हैं और हमारे लिए भी बहुत अहम हैं। श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने आगे कहा कि 'हमने हमेशा कहा है कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखना चाहते हैं।' श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे ने भी कहा कि विदेशी जहाजों के श्रीलंका आने और यहां के क्षेत्र में कोई गतिविधि करने को लेकर एक एसओपी बनाई गई है।

तीन महीने रुकने के लिए श्रीलंका आया था चीनी नौसेना का जहाज

दरअसल, चीनी नौसेना के जहाज शिन यान 6 को अक्टूबर में पूर्वी श्रीलंका के बंदरगाह पर करीब तीन महीने तक रुकना था। इस पर भारत ने जासूसी होने की आशंका जताते हुए इस पर आपत्ति जताई। जिसके बाद अब श्रीलंका के विदेश मंत्री का बयान सामने आया है।

चीन का रिसर्च जहाज यह जहाज समुद्री रिसर्च के लिए श्रीलंका आने वाला था। अमेरिकी सरकार की एक शीर्ष मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने भी श्रीलंकाई सरकार के सामने इसे लेकर चिंता जाहिर की। विदेशी जहाजों के श्रीलंका आने और इसे लेकर भारत की चिंताओं पर अली साबरी ने कहा कि 'भारत इसे लेकर लंबे समय से चिंता जता रहा है। ऐसे में हमने एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार किया है, जब हम एसओपी बना रहे थे तो हमने कई मित्र देशों से इसे लेकर चर्चा की, जिनमें भारत भी शामिल है। जब तक चीजें हमारे एसओपी के हिसाब से चलेंगी तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर एसओपी का उल्लंघन हुआ तो हमें इससे दिक्कत होगी।' अली साबरी ने कहा कि श्रीलंका ने चीन के जहाज को रुकने की इजाजत नहीं दी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि अभी बातचीत जारी है।'

रिसर्च के नाम पर जासूसी करता है चीनी जहाज

चीन हिंद महासागर में जासूसी करने के लिए कुख्यात है। वह अपने रिसर्च शिप के बहाने हिंद महासागर में जासूसी के काम करके अपने कुत्सित इरादे जाहिर करता है। इस कारण जब यह चीनी रिसर्च शिप श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट पर पहुंचा तो भारत ने ऐतराज जताया और श्रीलंका को विरोध दर्ज कराया। चीन का जहाज शी यान 6 पहला नहीं है, जो श्रीलंका आया है। एक साल पहले यूआन वांग 5 श्रीलंका पहुंचा था और उसने हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डाला था। भारत ने इस महाशक्तिशाली जासूसी जहाज के श्रीलंका आने का कड़ा व‍िरोध किया था। चीनी जहाज का अमेरिका ने भी व‍िरोध किया था और श्रीलंका को नसीहत दी थी लेकिन इसका भी कोलंबो पर कोई असर नहीं हुआ। 

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