Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. चीन के चक्कर में बुरा फंसा श्रीलंका, स्कूलों की किताबें छापना भी हुआ मुश्किल

चीन के चक्कर में बुरा फंसा श्रीलंका, स्कूलों की किताबें छापना भी हुआ मुश्किल

इलपेरुमा ने डेली मिरर को बताया कि देश में मौजूदा ईंधन संकट के कारण स्कूलों को पाठ्य पुस्तकों के वितरण में भी देरी हो रही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 24, 2022 17:54 IST
Sri Lanka, Sri Lanka China, Sri Lanka School Books, Sri Lanka Power Cut
Image Source : AP A Sri Lankan workshop owner pauses his work and waits during a power cut in Wattala, a suburb of Colombo, Sri Lanka.

Highlights

  • कागज और अन्य संबंधित सामान की कमी के कारण स्कूली पाठ्यपुस्तकों के मुद्रण में देरी हो रही है: इलपेरुमा
  • इलपेरुमा ने बताया कि देश में मौजूदा ईंधन संकट के कारण स्कूलों को पाठ्य पुस्तकों के वितरण में भी देरी हो रही है।
  • कोविड-19 महामारी से पहले के दिनों में पाठ्य पुस्तकों की छपाई की कोई चिंता ही नहीं थी: इलपेरुमा

कोलंबो: चीन के कर्ज के मकड़जाल में फंसकर और कोविड-19 के बाद उपजी परिस्थितियों के चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता हो चुकी है। एक तरफ जहां रोजमर्रा की चीजें मंहगी होती जा रही हैं, वहीं बिजली की कटौती और ईंधन की कमी ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। इस बीच श्रीलंका के शैक्षिक प्रकाशन विभाग के आयुक्त जनरल पी.एन. इलपेरुमा ने कहा है कि कागज और अन्य संबंधित सामान की कमी के कारण स्कूली पाठ्यपुस्तकों के मुद्रण में देरी हो रही है। डेली मिरर की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

‘किताबों की छपाई पर बहुत बुरा असर’

इलपेरुमा ने डेली मिरर को बताया कि देश में मौजूदा ईंधन संकट के कारण स्कूलों को पाठ्य पुस्तकों के वितरण में भी देरी हो रही है। कोविड-19 महामारी से पहले के दिनों में पाठ्य पुस्तकों की छपाई की कोई चिंता ही नहीं थी। देश में हो रही बिजली की कटौती ने किताबों की छपाई पर बहुत बुरा असर डाला है। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘राज्य मुद्रण निगम के कई खंड और निजी प्रिंटर कोविड महामारी के कारण बंद हो गए हैं। इसलिए, परियोजनाओं के पूरा होने में देरी हुई। हालांकि, राज्य मुद्रण निगम में 45 प्रतिशत स्कूली पाठ्य पुस्तकें मुद्रित की गई हैं।’

बच्चों में बांटी जानी हैं 3.8 करोड़ किताबें
श्रीलंका में स्कूली बच्चों के बीच लगभग 3.8 करोड़ पाठ्य पुस्तकें वितरित की जानी हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 3.25 करोड़ पाठ्य पुस्तकें छापी जाएंगी। सरकार ने पाठ्य पुस्तकों की छपाई पर 233.8 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें वे किताबें भी शामिल हैं जो बच्चों को दी गई हैं। कुल 3.48 करोड़ (91.8 प्रतिशत) पाठ्य पुस्तकों को प्रांतीय किताबों की दुकानों और सीधे कई स्कूलों में वितरित किया गया। 3.16 करोड़ (97 प्रतिशत) पाठ्य पुस्तकें छापी जानी हैं। हालांकि, प्रकाशन विभाग को अगले स्कूल की अवधि शुरू होने से पहले शेष पाठ्य पुस्तकों को प्रिंट करना है। (IANS)

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement