Highlights
- श्रीलंका में दवाइयों और खाने-पीने की चीजों की कमी
- राष्ट्रपति के खिलाफ 19 अप्रैल को लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
- भारत की मदद से श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे काफी प्रभावित
कोलंबो: श्रीलंका आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यहां खाने पीने की वस्तुओं समेत दवाईयों तक के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच ये खबर मिली है कि यहां 19 अप्रैल को संसद के लिए सत्र बुलाया जा सकता है, जिसमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी, तमिल नेशनल अलायंस (TNA) भी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही है और वह इस मामले में विपक्ष के साथ खड़ी है। वहीं श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया पहले ही गोटाबाया सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर चुकी है।
इस मामले को लेकर विपक्ष ने रविवार को बैठक भी की है। यहां के संसदीय ग्रुप का कहना है कि वह एक ऐसा प्राइवेट बिल संसद में लाएंगे, जिसमें राष्ट्रपति की शक्तियां छीनने का संशोधन भी है।
वहीं श्रीलंका के इस आर्थिक संकट के बीच में भारत ने उसकी काफी मदद की है। भारत अब तक श्रीलंका को 270,000 मीट्रिक टन से ज्यादा ईंधन दे चुका है। इसके अलावा अब तक 39 श्रीलंकाई तमिल भारत आ चुके हैं।
भारत की मदद से श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे काफी प्रभावित हैं और उन्होंने मदद के लिए भारत को शुक्रिया भी कहा। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक के साथ साथ दूसरे तरीके से भी हमारी मदद कर रहा है। हमें उसका आभारी होना चाहिए।