Highlights
- ट्रक ड्राइवर को पेट्रोल पंप के पास अपनी गाड़ी में मृत पाया गया।
- ईंधन के लिए कतार में इंतजार करते हुए देश में यह 10वीं मौत है।
- श्रीलंका ईंधन के साथ-साथ दवाओं की भी कमी का सामना कर रहा है।
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां रोजाना के इस्तेमाल की चीजें महंगी होती जा रही हैं, वहीं मार्केट में उनका मिलना भी मुश्किल हो रहा है। पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें लग रही हैं, और लोगों को ईंधन के लिए कई दिनों तक कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। श्रीलंका के पश्चिमी राज्य में एक पेट्रोल पंप पर 5 दिनों तक लाइन में खड़े रहने के बाद 63 साल के एक ट्रक ड्राइवर की मौत की खबर सामने आ रही है।
गाड़ी के अंदर इंतजार करते हुए गई शख्स की जान
बता दें कि श्रीलंका आजादी के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, और कर्ज में गले तक डूब गया है। ट्रक ड्राइवर की मौत श्रीलंका में पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के लिए लाइन में लगने के दौरान हुई यह 10वीं मौत है। पुलिस ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह शख्स अपनी गाड़ी के अंदर अंगुरवाटोटा में पेट्रोल पंप पर लाइन में इंतजार करते हुए मृत पाया गया। इस तरह लाइन में इंतजार करते हुए मरने वालों की संख्या अब 10 हो गई है।
पानादुरा फ्यूल सेंटर में भी गई थी एक शख्स की जान
कतार में इंतजार करते हुए मरने वाले सभी पुरुष थे और उनकी उम्र 43 से 84 वर्ष के बीच थी। कतार में लगने के दौरान जान गंवाने वाले अधिकतर लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। एक हफ्ते पहले कोलंबो के पानादुरा में एक फ्यूल सेंटर पर कई घंटों तक लाइन में इंतजार करते हुए 53 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि थ्री-वीलर में इंतजार करते हुए उस व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी।
श्रीलंका में खाने-पीने की चीजें महंगी, दवाओं की भारी कमी
लगभग 2.2 करोड़ की आबादी वाला यह खूबसूरत देश इस समय आजादी के बाद के 70 से ज्यादा सालों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में फ्यूल की जबरदस्त कमी हो गई है, और खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। साथ ही देश दवाओं की भारी कमी का भी सामना कर रहा है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को खाद्य संकट कम करने के लिए शुक्रवार की छुट्टी के दौरान खेती-बाड़ी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।